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मेढ़ पर मिट्टी डाल कर बना दिया तालाब
मझिआंव के सोनपुरवा पंचायत में अनियमितता का खुलासा अन्य योजनाओं की भी हो सकती है जांच जांच के दौरान प्रखंड अधिकारियों से नहीं मिला सहयोग गढ़वा : मझिआंव प्रखंड के सोनपुरवा पंचायत में मनरेगा से किये गये कार्यों में अनियमितता की फेहरिस्त काफी लंबी है़ अभी सात योजनाओं की जांच के बाद उसमें 1995896 रुपये […]
मझिआंव के सोनपुरवा पंचायत में अनियमितता का खुलासा
अन्य योजनाओं की भी हो सकती है जांच
जांच के दौरान प्रखंड अधिकारियों से नहीं मिला सहयोग
गढ़वा : मझिआंव प्रखंड के सोनपुरवा पंचायत में मनरेगा से किये गये कार्यों में अनियमितता की फेहरिस्त काफी लंबी है़ अभी सात योजनाओं की जांच के बाद उसमें 1995896 रुपये की वसूली के निर्देश दिये गये हैं. लेकिन अभी कई और योजनाएं है, जिसकी जांच के लिए प्रशासनिक पहल शुरू की जा रही है़
जिन सात योजनाओं में कार्य से अधिक राशि निकासी किये जाने का मामला पकड़ में आया है, उसमें प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों ने जांच टीम को जांच के दौरान सहयोग नहीं किया़ जांच टीम द्वारा दो बार मनरेगा के जिला कार्यालय की ओर से पत्रांक 23 दिनांक 6-1-2017 एवं पत्रांक 29 दिनांक 5-2-2017 के तहत प्रखंड से अभिलेख की मांग की गयी थी, ताकि जांच में सुविधा हो सके़ लेकिन वहां से अभिलेख नहीं भेजा गया़ उल्लेखनीय है कि मनरेगा के तहत योजना स्वीकृत करने की शक्ति बीडीओ को दी गयी है़
अभिलेख प्राप्त नहीं होने के बाद जांच टीम द्वारा एमआइएस प्रतिवेदन व भौतिक सत्यापन के आधार पर जांच प्रतिवेदन तैयार किया गया़, जिसमें व्यापक पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आयी.
इन मामलों में बरती गयी अनियमितता
सोनपुरवा पंचायत के आछोडीह गांव स्थित खाता एक प्लॉट 278, 279 में ओमप्रकाश के खेत के पास तालाब निर्माण की जांच के दौरान पाया गया कि कुल प्राक्कलित राशि 7.625 लाख के अालोक में 6.91986 लाख रुपये मजदूरी मद में भुगतान कर दी गयी ह़ै़ इस मामले में पाया गया कि निकासी की गयी राशि के आलोक में काम कम हुआ है़ योजना को पूर्ण दिखा कर राशि निकासी की गयी है़
इसी तरह से सेमराहा खाता 13 प्लॉट 252 में कूप से मिट्टी बोदर निर्माण में 3.70656 लाख रुपये का भुगतान मजदूरी मद में किया गया है़ जांच के दौरान ग्रामीण व लाभुकों ने टीम को बताया कि प्राक्क्लन के अनुरूप कार्य नहीं कराया गया़ इस वजह से पहली बरसात में ही बोदर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया़
स्थिति यह है कि बोदर का अस्तित्व भी देखने लायक नहीं था़ जांच टीम ने इस मामले में अपना मंतव्य दिया है कि पूर्व के बांध पर ही मिट्टी चढ़ा कर बोदर का निर्माण कराया गया है़ जो पूरी तरह सेगलत है़ तीसरी योजना झरनी नाला के पास तालाब निर्माण में 5.33821 लाख रुपये मजदूरी व सामग्री मद में निकासी की गयी है़
जांच टीम ने तालाब की मापी के पश्चात यह माना कि सिर्फ 1.45 लाख रुपये का भुगतान पूरे कार्य के लिए किया जाना चाहिए था, लेकिन अधिक राशि निकासी कर ली गयी है़ तालाब में लगाये गये ह्यूम पाइप की गुणवत्ता भी काफी खराब पायी गयी़ मदुरना नाला पर चेकडैम निर्माण में 4.92367 लाख रुपये की निकासी की गयी है़ जांच के दौरान योजना को उपयोगी नहीं पाते हुए भौतिक सत्यापन व मापी के अनुसार मात्र 47992 रुपये का कार्य का आकलन किया गया़ इस योजना में फर्जी मस्टर रॉल के उपयोग भी किया गया है़
मेड़ को तालाब का रूप दिया गया
आछोडीह में राजकुमार राम के घर के पास खाता 11, प्लॉट 02 में तालाब निर्माण में 7.19232 लाख रुपये की निकासी की गयी है़ इसमें जांच टीम ने पाया कि पूर्व के खेत के बड़े मेड़ पर मिट्टी चढ़ा कर उसे तालाब का आकार दे दिया गया़ इसमें जेसीबी के उपयोग का भी संभावना जतायी गयी है़
चंद्रपुरा में सरकारी बोदर के पास तालाब निर्माण जीर्णोद्धार योजना में 6.59842 लाख रुपये का भुगतान किया गया है़ इस मामले में भी काफी कम रुपये खर्च करने तथा अधिक निकासी करने तथा फर्जी मस्टर रॉल का उपयोग करने का मामला पाया गया़ इसी तरह चंद्रपुरा में तालाब जीर्णोद्धार योजना में 5.0995395 लाख रुपये की निकासी हुई है़ इन सभी अनियमितताओं के आलोक में टीम ने राशि वसूली की अनुशंसा की है़
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