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राष्ट्र के विकास में साहित्य की अहम भूमिका : सुरेंद्र
रमेश तिवारी की पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी का आयोजन रमेश तिवारी के व्यक्तित्व व कृतित्व को याद किया गया गढ़वा : रमेश तिवारी स्मृति मंच के बैनर तले शिक्षक, रचनाकार व सामाजिक चिंतक स्वर्गीय रमेश तिवारी की आठवीं पुण्यतिथि मनायी गयी़ स्थानीय टेंडर हर्टस विद्यालय परिसर में आयोजित पुण्यतिथि समारोह में रमेश तिवारी के व्यक्तित्व […]
रमेश तिवारी की पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी का आयोजन
रमेश तिवारी के व्यक्तित्व व कृतित्व को याद किया गया
गढ़वा : रमेश तिवारी स्मृति मंच के बैनर तले शिक्षक, रचनाकार व सामाजिक चिंतक स्वर्गीय रमेश तिवारी की आठवीं पुण्यतिथि मनायी गयी़ स्थानीय टेंडर हर्टस विद्यालय परिसर में आयोजित पुण्यतिथि समारोह में रमेश तिवारी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा के साथ ही राष्ट्र और साहित्य विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया़
समारोह की शुरुआत शिक्षक नेता अशर्फी राम, द्वारिकानाथ पांडेय, वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र कुमार मिश्र, समाजसेवी बुधन पाल व टेंडर हर्टस विद्यालय के निदेशक एसएन पाठक ने संयुक्त रूप से रमेश तिवारी की तसवीर पर माल्यार्पण कर किया़ इस अवसर पर गणेश कुमार ने स्वर्गीय तिवारी के रचित गीत मन की कुंठा फोड़कर गंध को विकसित करें… सहित विभिन्न रचनाओं की प्रस्तुति की गयी़ समारोह में स्वर्गीय तिवारी के पुत्र विपिन तिवारी ने रमेश तिवारी स्मृति मंच के उद्देश्यों व अब तक किये गये प्रयासों के संबंध में जानकारी दी़
विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में विचार व्यक्त करते हुए साहित्यकार सुरेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि राष्ट्र के परिपेक्ष्य में साहित्य का बहुत बड़ा महत्व है़ उन्होंने कहा कि यदि किसी की राष्ट्र के पास पर्याप्त धन, सैन्य बल सहित अन्य सभी संसाधन रहें, लेकिन साहित्य की भूमिका राष्ट्र के अनुकूल न हो, तो राष्ट्र अपने उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर सकता़
वहीं विपरीत स्थिति में भी यदि साहित्य राष्ट्रीय हित में भूमिका निभाये, तो राष्ट्र का मनोबल कभी कम नहीं हो सकता़ इसके लिए उन्होंने आजादी काल से लेकर इतिहास में हुए बड़े परिवर्तनों में साहित्य की भूमिकाओं का उल्लेख किया़ उन्होंने साहित्य की भूमिका के विषय में कालिदास की शकुंतला का उल्लेख करते हुए कहा कि शकुंतला की अधिकतम आयु 100-150 वर्ष रही होगी, लेकिन कालिदास ने अपने काव्य में शकुंतला का चित्रण कर उन्हें अमर बना दिया़ इस मौके पर डीएवी विद्यालय के शिक्षक शंभुनाथ त्रिपाठी ने कहा कि भारत जब साहित्य के अनुसार चला, तो विश्व गुरु के पद पर आसीन रहा़
लेकिन जब राष्ट्र के संचालन में साहित्य की भूमिका कमजोर हुई, तो राष्ट्र को कई विपत्तियों का सामना करना पड़ा़ समाजसेवी अमिताभ कुमार विशाल ने कहा कि जब देश जर्जर होने लगा, तो साहित्यकारों को लेखनी की मशाल जलानी होगी़ शिक्षक मनोज कुमार द्विवेदी ने कहा कि देश को सशक्त बनाने के लिए सशक्त साहित्य की आवश्यकता है़ सक्सेस प्वाइंट के निदेशक दिलीप पाठक ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में साहित्य की अहम भूमिका होती है़
इसके अलावा शिक्षक नेता अशर्फी राम व बुधन पाल ने रमेश तिवारी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके कृत्यों को याद किया़ अधिवक्ता आशीष कुमार दुबे व अदभुत प्रभात ने इस अवसर पर काव्य पाठ किया़ कार्यक्रम का संचालन नीरज श्रीधर ने तथा धन्यवाद ज्ञापन एसएन पाठक ने किया़ इस अवसर पर दुदुन उपाध्याय, शैलेश तिवारी, मारूत नंदन द्विवेदी, दिलीप चौधरी, दिलीप श्रीवास्तव, श्रीपति पांडेय, किशोर कुमार, कालीचरण मेहता, दिव्य प्रकाश शुक्ला, मनोज पाठक, विवेक तिवारी, राजन तिवारी, गौतम ऋषि, नितिन तिवारी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे़
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