17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पीने के लिए मिला, तो नहाने के लिए नहीं

गढ़वा : गढ़वा शहर में मई महीने के आरंभ से ही पेयजल संकट गहरा हो गया है. करीब 40 हजार की आबादी वाले इस शहर में गरमी शुरू होते ही पेयजल संकट शुरू होना आम बात है. यहां के अधिकतर चापानल तथा अन्य जलस्त्रोत सूख जाते हैं. यहां तक कि लोगों के घरों का किया […]

गढ़वा : गढ़वा शहर में मई महीने के आरंभ से ही पेयजल संकट गहरा हो गया है. करीब 40 हजार की आबादी वाले इस शहर में गरमी शुरू होते ही पेयजल संकट शुरू होना आम बात है. यहां के अधिकतर चापानल तथा अन्य जलस्त्रोत सूख जाते हैं.

यहां तक कि लोगों के घरों का किया हुआ निजी बोरिंग भी जवाब दे देती है. इसके कारण इस भीषण गरमी में लोग पीने एवं नहाने के पानी के लिए बेचैन दिखते हैं. सुबह से देर रात तक पानी की व्यवस्था करना, यही काम मुख्य दिनचर्या में शामिल हो जाता है. गढ़वा नगरपंचायत के गठन के बाद इस समस्या के समाधान का प्रयास किया गया.

इस क्रम में विभिन्न वार्डो में डीपबोर कर पानी की समस्या दूर करने का प्रयास किया गया. इससे शहर की बड़ी आबादी को राहत भी मिली है. लेकिन आम आदमी अभी भी पानी के लिए या तो शहर की सरकारी पेयजल आपूर्ति पर निर्भर है या वे चापानलों से काम चलाते हैं.

शहरी पेयजलापूर्ति दानरो नदी के पानी से होती है. लेकिन दानरो नदी सूख जाने के कारण पेयजलापूर्ति योजना प्रभावित हो जाती है. इसी तरह जलस्त्रोत नीचे चले जाने से अधिकतर चापानल भी काम नहीं करते हैं.
– विनोद पाठक –

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें