* जल संकट से जूझ रहे हैं रमकंडा प्रखंड के लोग, अधिकतर चापानल फेल
।। मुकेश तिवारी ।।
रमकंडा(गढ़वा) : रमकंडा प्रखंड में इन दिनों पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. प्रखंड की सभी सात पंचायतों में कमोबेश पेयजल की समस्या से लोग त्रस्त हैं. यहां के अधिकतर चापानल, कुआं सूख चुके हैं.
नदी-नाले तो पहले ही सूख चुके थे. रक्सी पंचायत में लगे आधे से अधिक चापानल खराब हैं, जो बचे हैं वह जरूरत के अनुसार पानी देने में सक्षम नहीं हैं. चापानलों पर सुबह से ही लोगों की काफी भीड़ लगी रहती है. लेकिन जब चापाकल इसका बोझ नहीं उठा पाता है, तो लोग नदी में चुआंड़ी खोद कर किसी तरह पानी की व्यवस्था कर रहे हैं.
प्रखंड के रक्शी, हरहे, चेते, बिराजपुर, उदयपुर, बलिगढ़, रमकंडा, सुलीपत्सर, केरवा, कुसवार आदि गांव में पानी के लिए लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. इंसान ही नहीं, बल्कि जंगली पशुओं को भी पानी नहीं मिल पा रहा है. वे पानी की तलाश में गांव की ओर भाग रहे हैं. पालतू पशुओं की भी स्थिति संतोषजनक नहीं है.
ग्रामीण राजेंद्र सिंह, सरयू सिंह, राजदेव सिंह, दिनेश्वर भुइयां, कवलपति देवी, राजमति देवी, सुभद्रा देवी आदि ने जल संकट की व्यथा कहते हुए कहा कि यदि समय पर बारिश नहीं हुई, तो उनके समक्ष बहुत बड़ा संकट उत्पन्न हो जायेगा.
* रक्शी में आधे से अधिक चापानल खराब
रक्शी पंचायत में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से 95 तथा अन्य विभागों से 25, कुल 120 चापानल लगे हैं. इनमें से आधे से अधिक खराब हैं. जो सही हैं, वे पंचायत के 5286 लोगों को पानी देने में सक्षम नहीं हैं.
* राशि के अभाव में मरम्मत नहीं : मुखिया
रक्शी पंचायत के मुखिया कपिलदेव सिंह ने कहा कि राशि के अभाव में खराब चापानलों की मरम्मत नहीं हो पा रही है. जैसे ही राशि आयेगी, खराब चापनलों की मरम्मत करा दी जायेगी.