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शाम होते ही तीन बच्चों के जीवन में फैल जाता है अंधेरा

अभी तक अपने हिस्से के बेच दिया साढ़े चार कट्ठा जमीन कई वर्षों से रह रहे घर को डेढ़ लाख में बेच दिया प्रतिमाह होनी है 60 हजार रुपये का खर्च मदद की गुहार लगायी रमना : गढ़वा जिले डंडई प्रखंड अंतर्गत सोनेहरा गांव में एक ही परिवार के तीन बच्चे जन्म से ही नेत्र […]

अभी तक अपने हिस्से के बेच दिया साढ़े चार कट्ठा जमीन

कई वर्षों से रह रहे घर को डेढ़ लाख में बेच दिया
प्रतिमाह होनी है 60 हजार रुपये का खर्च
मदद की गुहार लगायी
रमना : गढ़वा जिले डंडई प्रखंड अंतर्गत सोनेहरा गांव में एक ही परिवार के तीन बच्चे जन्म से ही नेत्र रोग से पीड़ित हैं. शाम होते ही उनके जीवन में अंधेरा फैल जाता है. यह तीनों बच्चे सोनेहारा निवासी अनिल प्रजापति के संतान हैं. बाहर में मजदूरी करने वाला अनिल प्रजापति अपने पुत्र के इलाज के लिए पिछले आठ वर्ष से अधिक समय से दर-दर की ठोकरें खा रहा है. अनिल ने बताया कि उनके तीनों बच्चे काजल कुमारी(13), कोमल कुमारी(10)तथा अमर कुमार(07) को जन्म से ही सूर्य ढलते ही दिखाई नहीं देता है. तीनों बच्चे सूर्य की रोशनी में ही थोड़ा बहुत देख पाते हैं.
जनप्रतिनिधि से अधिकारियों तक लगा चुके हैं गुहार : अनिल ने बताया कि इसके लिए उन्होंने पिछले कई वर्षी से सीएस, डीसी, विधायक, सांसद से मदद की गुहार लगायी. उसके बाद भी कहीं से उसे मदद नहीं मिली. उन्होंने बताया कि अब तक देश के कई बड़े अस्पतालों में इलाज करा चुका है, जिसमें एम्स दिल्ली के अलावा शंकर नेत्रालय चेन्नई, शुसुरूट आइ हॉस्पिटल कोलकाता जैसे जगहों का नाम शामिल है, जिसमें उसे बताया गया कि सभी बच्चे ब्लाइंडनेस से पीड़ित है, जिसका इलाज यहां संभव नहीं है. उसके बाद अनिल ने फिर भी हार नहीं मानी. उसने बच्चे के सफल इलाज के लिए कई जगहों पर गया. लेकिन हर जगहों से निराशा ही हाथ लगी. तब तक अपने हिस्से से साढ़े चार कट्टा की जमीन भी बेच चुका था.

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