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ओके….अधिकार नहीं मिला, तो आत्मदाह करेंगे

जनमुक्ति आंदोलन के बैनर तले आदिवासियों-वनवासियों का प्रदर्शन1जीडब्ल्यूपीएच8- वन परिसर में सभा करते आदिवासी नेता प्रतिनिधि, गढ़वा. जनमुक्ति आंदोलन के तत्वावधान में आदिवासियों ने शुक्रवार को वन विभाग कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के उपरांत वन प्रमंडल पदाधिकारी को पांच सूत्री मांग पत्र सौंपा गया. समाजसेवी गौतम ऋषि के नेतृत्व में इस प्रदर्शन में […]

जनमुक्ति आंदोलन के बैनर तले आदिवासियों-वनवासियों का प्रदर्शन1जीडब्ल्यूपीएच8- वन परिसर में सभा करते आदिवासी नेता प्रतिनिधि, गढ़वा. जनमुक्ति आंदोलन के तत्वावधान में आदिवासियों ने शुक्रवार को वन विभाग कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के उपरांत वन प्रमंडल पदाधिकारी को पांच सूत्री मांग पत्र सौंपा गया. समाजसेवी गौतम ऋषि के नेतृत्व में इस प्रदर्शन में गढ़वा, रंका, रमकंडा, भंडरिया, चिनिया, धुरकी, भवनाथपुर, कांडी, सगमा, केतार व पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड से काफी संख्या में आदिवासी व वनवासी ग्रामीण महिला-पुरुष शामिल हुए. आदिवासियों ने कार्यक्रम की शुरुआत स्थानीय गोविंद उविके मैदान से एक रैली निकाल कर की. यह रैली मुख्य पथ होते हुए वन विभाग के परिसर तक गयी, जहां पहुंचने के बाद जनसभा में बदल गयी. रैली में शामिल आदिवासी वन विभाग अधिनियम 2006 को लागू करने, आदिवासियों को पट्टा देने, जंगल पर अधिकार देने तथा उन पर किये गये फरजी मुकदमे को वापस लेने की मांग कर रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इंद्रदेव अगरिया ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के अनुसार वन समिति का गठन कर वन भूमि का पट्टा आदिवासियों को निर्गत करना है. उन्हें जंगल में बसे तमाम परंपरागत सुविधाएं, पेयजल, कृषि, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि की सुविधा प्रदान करनी है. लेकिन आदिवासी आजतक इससे वंचित हैं. इसके बजाय उनपर फरजी मुकदमा किया गया है. जिला कोषाध्यक्ष दिनेश्वर उरांव ने आदिवासियों पर किये गये तमाम फरजी मुकदमे को वापस करने की मांग की. साथ ही उन्होंने आदिवासियों की झोपडि़यों को जलानेवाले माफियाओं पर कार्रवाई करने की मांग की. इप्टा जिलाध्यक्ष संजय तिवारी ने सरकार वन अधिकार अधिनियम का सीधे-सीधे उल्लंघन कर आतंक का राज कायम करना चाहती है. जिला सचिव सलोनी कच्छप ने कहा कि यदि उनकी आवाज नहीं सुनी गयी, तो वे विवश होकर सामूहिक आत्मदाह के लिए विवश होंगे. राष्ट्रीय सदस्य कबूतरी देवी ने कहा कि सरकार आदिवासियों को न्याय दिलाने के बजाय वन अधिकार से बेदखल करना चाहती है. इस मौके पर राष्ट्रीय सदस्य अमर कुमार कुशवाहा ने भी विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम का संचालन मंटू विश्वकर्मा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन राजू बाड़ा ने किया.

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