59 वर्ष पूर्व कोलकाता के कारीगर ने साढ़े तीन रुपये में बनायी थी मूर्ति
भवनाथपुर : भवनाथपुर बस्ती मे 59 वर्षों से मां दुर्गा कि पूजा कि जा रही है. पूजा कि शुरुआत वर्ष 1960 मे स्व जटाधारी सिंह के अध्यक्षता मे स्व बच्चा सिंह, पारसनाथ सिंह तत्कालीन मुखिया, स्व ननकेशरी सिंह तत्कालीन सरपंच, स्व बद्री सिंह, स्व गोखुला सिह,स्व अमेरिका सिंह ने प्रारंभ किया था. उसके बाद से अनवरत धूमधाम से पूजा होते आ रहा है. तब एकीकृत भवनाथपुर प्रखंड जिसमे खरौधी, केतार भवनाथपुर थाना मे शामिल था.
उस वक्त 12 से अधिक गांवों से चंदा जमा कर पूजा शुरू किया गया था. तब करीब 300 रुपये खर्च हुए थे. मूर्ति बनाने के लिए कोलकाता से कलाकार आते थे. उस वक्त मूर्ति बनाने की कीमत मात्र साढ़े तीन रुपये दिया जाता था. तिरपाल के टेंट मे पंडाल बनाया जाता था और गांव के लोग ही रामलीला का मंचन किया करते थे. जैसे-जैसे समय बीतता गया महंगाई बढ़ती गयी और पूजा का स्वरूप भी बदलता गया. आज बस्ती में लाखों रुपये की लागत से मंदिर का निर्माण किया गया है.
बस्ती में पूजा के दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता का मिसाल भी देखने को मिलता था. अरसली से मुस्लिम भाई आते थे और पूजा के कार्यक्रम में सहयोग कर एकता की मिसाल पेश करते थे. तब मूर्ति को कंधे पर लेकर दरवाजे- दरवाजे घुमाया जाता था. वर्ष 2013 में गांव के ही नंद कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंदिर का निर्माण का शुरू किया गया. जिसमें गांव के सभी वर्ग के लोगों के सहयोग से मंदिर का निर्माण पूरा हुआ और वाराणसी से मां दुर्गा की प्रतिमा लाकर मंदिर में स्थापित किया गया.