गढ़वा : सुप्रीम कोर्ट ने गढ़वा स्थित एसएसजेएस नामधारी कॉलेज के 35 शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन पर रोक लगा दी है़ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश झारखंड के मुख्य सचिव द्वारा मानव संसाधन विभाग के माध्यम से नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय को निर्देशित किया गया है़ विश्वविद्यालय के कुल सचिव ने इसकी पुष्टि की है.
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सुप्रीम कोर्ट ने नामधारी कॉलेज के शिक्षकों के वेतन पर लगायी रोक
गढ़वा : सुप्रीम कोर्ट ने गढ़वा स्थित एसएसजेएस नामधारी कॉलेज के 35 शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन पर रोक लगा दी है़ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश झारखंड के मुख्य सचिव द्वारा मानव संसाधन विभाग के माध्यम से नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय को निर्देशित किया गया है़ विश्वविद्यालय के कुल सचिव ने इसकी पुष्टि की है. जानकारी […]
जानकारी के अनुसार एसबी सिन्हा कमेटी ने उक्त शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक के बाद किया गया था. बताया जाता है कि शुरुआती दौर में अग्रवाल कमीशन ने नामाधारी कॉलेज में नियुक्ति की थी. लेकिन बाद में अग्रवाल कमीशन समाप्त हो गया और एसबी सिन्हा कमीशन ने नियुक्ति की.
इसमें बिहार के भी अभ्यर्थी शामिल थे. वर्ष 2018 में एसबी सिन्हा कमीशन द्वारा 29 लोगों की नियुक्ति के बाद बिहार का एक अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट चला गया, जहां कृष्णानंद यादव वर्सेस मगध विश्वविद्यालय का मामला चल रहा है़ इसी मामले में बिहार के उक्त अभ्यर्थी ने नियुक्ति नहीं होने के बाद दी. चुनौती के आलोक में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए झारखंड के मुख्य सचिव को निर्देशित किया.
इसे बाद मुख्य सचिव ने मानव संसाधन विभाग झारखंड के माध्यम से नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय को निर्देशित किया है कि इस मामले से संबंधित सभी कागजात व रिपोर्ट शीघ्र जमा करें, ताकि उसे ससमय सुप्रीम कोर्ट को समर्पित किया जा सके. उल्लेखनीय है कि बिहार के उक्त अभ्यर्थी के आलोक में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के मुख्य सचिव से उक्त नियुक्ति से जुड़े सभी दस्तावेजों के बाद खलबली मची हुई है़ सुप्रीम कोर्ट के उक्त निर्देश के बाद पूरा विभाग रेस है़ यद्यपि इस बारे में नामधारी कॉलेज के प्राचार्य डॉ अखिलानंद पांडेय कुछ खास बता नहीं पा रहे हैं.
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