गढ़वा : भीषण गर्मी के बीच गढ़वा जिले के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे है़ं 13 लाख से ज्यादा की आबादीवाले गढ़वा जिले के सभी लोगों तक पेयजल सेवा पहुंचाने के लिए पेयजल व स्वच्छता विभाग, पंचायती राज विभाग, नगर परिषद व विधायक व सांसद मद की राशि से अलग-अलग प्रयास किये गये है़. […]
गढ़वा : भीषण गर्मी के बीच गढ़वा जिले के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे है़ं 13 लाख से ज्यादा की आबादीवाले गढ़वा जिले के सभी लोगों तक पेयजल सेवा पहुंचाने के लिए पेयजल व स्वच्छता विभाग, पंचायती राज विभाग, नगर परिषद व विधायक व सांसद मद की राशि से अलग-अलग प्रयास किये गये है़.
लेकिन इसके बावजूद ये सारे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे है़ं गढ़वा जिले में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोगों को पानी देने के लिए पेयजल व स्वच्छता विभाग की ओर से 290 (नीर निर्मल परियोजना से 46 शामिल)जलापूर्ति योजनाएं स्थापित की गयी है़ं लेकिन इनमें से 76 योजनाएं पूरी तरह से डेड है़ं जबकि विभाग का दावा है कि 167 जलापूर्ति की योजनाएं चल रही है़ आठ को ऐसी श्रेणी में रखा गया है, जिससे अब कभी जलापूर्ति नहीं हो सकती है़ इसी तरह गढ़वा शहर के 8635 घरों तक पानी पहुंचाने के लिए 80 हजार गैलन की क्षमतावाला जलापूर्ति योजना पेयजल व स्वच्छता विभाग का है.
लेकिन दानरो नदी जहां से पानी की आपूर्ति की जाती है, वहां का स्थल पूरी तरह से सूख जाने के कारण पानी की आपूर्ति काफी थोड़ी मात्रा में एक दिन छोड़ कर की जा रही है़ नगर परिषद की ओर से गढ़वा शहर में 26 डीप बोर घर-घर जलापूर्ति के निमित किये गये है़ं इनमें से दो डीप बोर खराब पड़े हुए है़ं जबकि नगर परिषद का दावा है कि 24 डीप बोर से पानी की आपूर्ति की जा रही है़
60 हजार चापाकल हैं गढ़वा जिले में : इन सबके अलावे गढ़वा जिले में मुखिया की ओर से 14वें व 13वें वित्त की राशि, विधायक व सांसद मद की राशि, पेयजल व स्वच्छता विभाग तथा नगर परिषद की ओर से लगाये गये चापाकलों की कुल संख्या करीब 60 हजार है़ इसमें पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से 16370, गढ़वा नगर परिषद की ओर से 512, 14वें व 13वें वित्त की राशि से लगाये गये चापाकलों की संख्या करीब 20 हजार है़ इसके अलावा अन्य मद से लगाये गये चापाकलों की संख्या 25 हजार के आसपास है़ पीएचइडी की ओर से लगाये गये 16370 चापाकलों में से 2267 खराब पड़े हुए है़ं नगर परिषद गढ़वा की ओर से लगाये गये 512 चापाकलों में से 102 खराब पड़े हुए है़ं इसके अलावा अन्य मद से लगाये गये चापाकलों में से खराब की संख्या करीब 7000 बतायी गयी है़
प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 40 लीटर पानी चाहिए : पेयजल व स्वच्छता विभाग के मानक के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन दैनिक आवश्यकताओं के लिए 40 लीटर पानी की आवश्यकता है़ इस अनुसार जिले की 13 लाख की आबादी को 5.20 करोड़ लीटर पानी की आवश्यकता है़ इसमें से चालू चापाकलों से 75 लाख (एक चापाकल से औसतन 150 लोग) तथा डीप बोर व अन्य जलापूर्ति योजनाओं के माध्यम से 1.25 लाख (एक जलापूर्ति योजना से औसतन 500 की आबादी) लोगों को पानी मिल रहा है़ लेकिन शेष लोग अपने परंपरागत या व्यक्तिगत जलस्रोतों पर ही पानी के लिए निर्भर है़ं
50 जलापूर्ति योजना इस माह में शुरू कर दी जायेगी : सहायक अभियंता : इस संबंध में पेयजल व स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता नागदेव बैठा ने बताया कि खराब चापाकलों की मरम्मत के लिए आठ वाहन जिले में सक्रिय है़ं इसके अलावा खराब पड़े 76 जलापूर्ति योजनाओं में से 50 को इस माह के अंत तक शुरू कर दिया जायेगा़