हरिहरपुर : केतार प्रखंड के लोहरगड़ा गांव निवासी धनपाल मेहता ने हरिहरपुर ओपी में लिखित आवेदन देकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगायी है. गौरतलब है कि धनपाल मेहता पिछले कई वर्षों से अपने गांव स्थित देवी स्थान का बैगा के रूप में पूजा करते आ रहे हैं. इस देवी धाम में स्थानीय ग्रामीण अपनी कोई मन्नत पूरा होने पर बकरा का बलि देते हैं. यह बलि बैगा द्वारा दिया जाता है. यह यहां वर्षों से परंपरा रही है. लेकिन पिछले साल से उक्त बैगा का इस प्रथा से मन हटने लगा है.
उसने गांव में कहा कि अब उसे महसूस हुआ कि पूजा के दौरान किसी जीव की बलि नहीं पड़ना चाहिए. बल्कि बिना बलि दिये ही हम-सबको पूजा करनी चाहिए. हमें अपने आप कुछ महीनों से यह परंपरा उचित नहीं लगता है. किसी भी जीव का वध करना उसकी आत्मा गवाही नहीं देता. किंतु स्थानीय लोग उसकी इस राय को यह मानने को तैयार नहीं है. उसने आशंका जतायी है कि यदि रविवार को दशमी तिथि को उसके बैगा होने के नाते उसके हाथों बलि नहीं करायी गयी, तो कुछ लोग उसके साथ जबरदस्ती कर सकते हैं. इस दौरान झगड़ा हो सकता है. इसको देखते हुए उसने हरिहरपुर ओपी में सुरक्षा देने के लिए गुहार लगायी है.