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मध्याह्न भोजन खाने के बाद अब बच्चे नहीं धोयेंगे थाली !
गढ़वा : सरकारी विद्यालय के बच्चे अब मध्याह्न भोजन खाने के बाद अपनी थाली नहीं धोयेंगे़ बल्कि थाली धोने की व्यवस्था अब विद्यालय प्रबंधन करेगी़ सरकार के इस आदेश से गढ़वा जिले के 1332 प्रावि व मवि के प्रतिदिन मध्याह्न भोजन करनेवाले करीब दो लाख बच्चे प्रभावित होंगे़ सरकार के पत्र के अलोक में शिक्षा […]
गढ़वा : सरकारी विद्यालय के बच्चे अब मध्याह्न भोजन खाने के बाद अपनी थाली नहीं धोयेंगे़ बल्कि थाली धोने की व्यवस्था अब विद्यालय प्रबंधन करेगी़ सरकार के इस आदेश से गढ़वा जिले के 1332 प्रावि व मवि के प्रतिदिन मध्याह्न भोजन करनेवाले करीब दो लाख बच्चे प्रभावित होंगे़ सरकार के पत्र के अलोक में शिक्षा विभाग की ओर से जिले में इसके उपाय तलाशने शुरू कर दिये है़ं
मानवाधिकार आयेाग की ओर से दिये गये निर्देश के आलोक में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस आशय का पत्र लिखकर जिले के उपायुक्त व जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देशित किया है़ उप सचिव असीम किस्पोट्टा ने पत्रांक 1551, दिनांक 25 अक्तूबर के माध्यम से लिखे पत्र में कहा है कि बच्चों द्वारा मध्याह्न भोजन खाने के बाद बच्चों से बर्तन आदि की सफाई करायी जा रही है़ उन्होंने इस पर रोक लगाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है़ साथ ही उन्होंने थाली धुलवानेवाले के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा है़
मानवाधिकार आयोग को आपत्ति
नैशनल हयूमन राइट एवं क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के राष्ट्रीय महासचिव ने इस संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर कहा था कि उनके झारखंड राज्य के विद्यालयों के भ्रमण के दौरान यह पाया है कि मध्याह्न भोजन के बाद बच्चों से थाली धुलवायी जाती है़ साथ ही बच्चे किताबों के साथ थाली-ग्लास भी घर से ढोकर लाते है़ं उन्होंने कहा था कि यह बाल अधिकार का हनन है़ साथ ही यह बच्चों की मनोदशा पर बुरा प्रभाव डाल रहा है़ जिससे उनका भविष्य प्रभावित हो रहा है़ इस पत्र के अालोक में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग को पत्र लिखकर सभी विद्यालयों में इसे रोकने के निर्देश दिये है़ं
सरकार के निर्देश का पालन होगा : डीएसइ
इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश कुमार चौधरी ने बताया कि सरकार के निर्देश का पालन किया जायेगा़ रसोइया या शिक्षक से यह काम नहीं कराया जायेगा़ इसकी व्यवस्था के उपाय निकाले जा रहे है़ं
जिला प्रशासन स्थायी व्यवस्था बनाये : अजय उपाध्याय
इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता अजय उपाध्याय ने बताया यदि विद्यालय में बच्चों से बर्तन धुलवाने पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो जिला प्रशासन को इसका विकल्प तलाशना होगा़ क्योंकि विद्यालय में मध्याह्न भोजन बनानेवाली रसोइया के अलावा सिर्फ शिक्षक ही होते है़ं गढ़वा जिले के किसी भी प्रावि व मवि में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी की नियुक्ति नहीं है़
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