गालूडीह. दारीसाई क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को ढाई घंटे में रिकॉर्ड 88.2 मिलीमीटर बारिश हुई. कम समय में अधिक बारिश का यह रिकॉर्ड है. केंद्र के सह निदेशक डॉ सलाम ने कहा कि यह बारिश धान की फसल के लिए फायदेमंद होगा, पर दलहन और सब्जी की खेती के लिए नुकसान होगा.
हालांकि जिस खेत में धान के पौधे डूबने लगे हैं वहां किसान खेत की मेढ़ काट कर पानी कुछ बहा दें. अन्यथा नुकसान होगा. हालांकि कुछ दिन ज्यादा बारिश नहीं हुई थी. अभी खेतों को पानी की जरूरत थी. आज की बारिश से किसानों को राहत मिली है. शुक्रवार दोपहर 11.30 बजे से ढाई बजे तक मूसलाधार बारिश हुई. इससे तालाब, डोभा, कुआं और नाला भर गया.दलहन और सब्जी की खेती को होगा नुकसान:
आज की जोरदार बारिश से दलहन, मक्का और सब्जी की खेती को नुकसान होगा. खास कर लतर वाली सब्जी को. जिले में धान फसल के लिए बारिश वरदान साबित हो रही है. डॉ एन सलाम ने बताया कि यह बारिश धान फसल के लिए फायदेमंद साबित होगा. लेकिन मक्का, उड़द, मूंग, अरहर की फसलों को बारिश नुकसान पहुंचायेगी. बारिश से दलहन फसलों के पत्ते पीले पड़ेंगे. इससे उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ेगा.दोपहर में डूबा सातगुड़ूम पुल, गालूडीह के निचले इलाके में भरा पानी:
दोपहर में झारखंड-बंगाल को जोड़ने वाली पुलिया कुछ समय के लिए डूब गयी. बाद में बारिश कम होने से पुलिया से पानी उतरा. इससे आवागमन प्रभावित हुआ. वहां मूसलाधार बारिश से गालूडीह के नीचे इलाके में पानी भर गया. इससे जन जीवन अस्त-व्यस्त रहा. बाजार की सड़क पर नाली की तरह पानी बहता रहा. बाजारों में सन्नाटा पसर रहा. लगातार बारिश से लोग अपने घरों से नहीं निकल पाये. नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है.
मुसाबनी:बारिश से कच्चे घरों में रहने वाले परेशान, सब्जियों को नुकसान
लगातार बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. लोग घरों में रहने को विवश हैं. बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है. गृहस्थी चलाने के लिए मजदूरी करने वाले व जंगल से सूखी लकड़ी लाकर बेचने वाले संकट से जूझ रहे हैं. वर्षों पहले बने जर्जर इंदिरा आवासों और झोपड़ियों में रहने वाले सबर परिवार परेशानियों का सामना कर रहे हैं. बारिश उनके लिए बड़ी मुसीबत बन गयी है. देवली गोहला के सब्जी उत्पादक किसानों ने बताया कि बारिश से खीरा, नैनुआ, झींगा, बरबटी, लौकी जैसे लतर वाली सब्जियों के पौधे सड़ रहे हैं. उनकी आय में भारी नुकसान का खतरा बना हुआ है. डुंगरीडीह से बागजाता माइंस तक जाने वाली सड़क सालों से जर्जर होने के कारण भारी जलभराव से वाहनों और पैदल ग्रामीणों के आवागमन में गंभीर बाधा उत्पन्न हो रही है. बाकड़ा गांव में सड़क पर डेढ़ फीट पानी बह रहा है और ग्रामीण जोखिम उठाकर चलने को मजबूर हैं. इसके अलावा शंख नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे और अधिक संकट की आशंका जतायी जा रही है.
भारी बारिश से बिहारी कॉलोनी में जल जमाव, घरों में घुसा पानी
घाटशिला क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर 12 बजे से शुरू हुई तेज बारिश ने पूरे क्षेत्र में आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. कई मोहल्लों और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गयी है, विशेषकर बिहारी कॉलोनी में गली-गली तालाब जैसी भारी पानी की भरमार हुई है. स्थानीय लोगों के अनुसार कई घरों के आंगन और कमरे जलमग्न हो गये हैं, जिससे रहना कठिन हो गया है. इसके अलावा, बारिश के पानी से सांप और कीड़े-मकोड़े घरों में आने का खतरा बना हुआ है. मुख्य सड़कों और गलियों में जलजमाव से आवागमन बाधित हो रहा है. ग्रामीणों और मोहल्लेवासियों ने पुनः प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से उचित प्रबंध करने की मांग की है. उनका कहना है कि अगर बारिश इसी तरह जारी रही तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है, जिससे जनजीवन पर व्यापक असर पड़ेगा.
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