गालूडीह. घाटशिला प्रखंड की सबसे बीहड़ झाटीझरना पंचायत में मंगलवार को पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी पहुंचे. बंगाल सीमा से सटे क्षेत्र में मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया. उन्होंने मतदान केंद्रों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया. संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. उन्होंने झाटीझरना पंचायत के तीन बूथ में गये. बूथ नंबर 95 बालीडीह, बूथ नंबर 96 भुमरू और बूथ नंबर 97 झाटीझरना स्कूल में बनाया गया है. तीनों बूथों में शौचालय, दिव्यांग के लिए रैंप, बिजली की व्यवस्था, पेयजल आपूर्ति, प्रवेश व निकास द्वार, साफ-सफाई और सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं की समीक्षा की.
निर्वाचन प्रक्रिया लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण पर्व
तीनों बूथों में क्रमश: 898, 672 और 992 वोटर हैं. घाटशिला विस में उप चुनाव के मद्देनजर प्रशासनिक तैयारी जोरों पर है. डीसी ने बीएलओ और शिक्षकों से मतदाताओं की संख्या समेत अन्य बातों की जानकारी ली. डीसी ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है. प्रत्येक मतदान केंद्र पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है.बूथों में दिव्यांग, महिला व वृद्ध के लिए समुचित व्यवस्था करें
डीसी ने घाटशिला के एसडीओ, बीडीओ व सीओ को निर्देश दिया कि विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक मतदान केंद्र पर दिव्यांग, महिला व वृद्ध मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए समुचित सुविधाएं सुनिश्चित करायें, ताकि सभी मतदाता निर्बाध और सुरक्षित रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें. मतदान केंद्रों में पेयजल, प्रकाश व्यवस्था व स्वच्छता को प्राथमिकता दें. रैंप और शौचालय की उपलब्धता सुनिश्चित करें. मौके पर घाटशिला एसडीओ सुनील चंद्र, उप निर्वाचन पदाधिकारी प्रियंका सिंह, बीडीओ यूनिका शर्मा, सीओ निशात अंबर व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.डीसी ने स्कूल में जाकर बच्चों का पढ़ाया
डीसी ने झाटीझरना स्कूल में बच्चों को कक्षा में जाकर पढ़ाया. शिक्षक से जानकारी ली. बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया. डीसी जब पहुंचे, तो भुमरू स्कूल में मध्याह्न भोजन चल रहा था. उन्होंने एमडीएम की गुणवत्ता को देखा. इस दौरान झाटीझरना उउवि में कार्यरत शिक्षक डॉ कमर अली ने डीसी से कहा कि सर मैं उर्दू विषय का शिक्षक हूं, पर 10 साल से झाटीझरना उउवि में हिंदी पढ़ा रहा हूं. यहां उर्दू विषय के एक भी बच्चे नहीं है. डीइओ ने मुझे कुछ दिन के लिए यहां भेजा था, पर 10 साल से यहीं हूं. डीसी ने मामले को देखने की बात कही.
बीएलओ और शिक्षकों ने नेटवर्क और सड़क की समस्या रखी, समाधान का भरोसा मिला
बीएलओ और कई स्कूलों के शिक्षकों ने डीसी के समक्ष झाटीझरना में नेटवर्क और सड़क की गंभीर समस्या को रखा. डीसी ने समस्या को जल्द दूर करने की भरोसा दिया. डीसी फूलडुंगरी से बुरूडीह-बासाडेरा होते हुए बदहाल सड़क से होकर झाटीझरना गये थे. वे लौटने के वक्त बंगाल के द्वारसिनी से गालूडीह होकर लौटे.
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