पटमदा. पूर्वी सिंहभूम जिले के सुदूर देहात पटमदा के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में पटमदा मॉडल इंग्लिश उच्च विद्यालय स्थापित की. 13 वर्षों बाद भी स्कूल को न अपना भवन मिला है, न शिक्षक. यहां मध्य विद्यालय पटमदा, जाल्ला से उधार में मिले पांच कमरों के जर्जर भवन में छठी से 10वीं तक के 117 बच्चे पढ़ते हैं. इसके एक कमरे में प्रयोगशाला है. स्कूल की लाइब्रेरी में भी कक्षाएं चलती हैं. छठी व सातवीं के बच्चे एक कमरे में पढ़ते हैं. बारिश में कक्षा की छत टपकती है, छत का हिस्सा टूटकर गिरता रहता है. इससे बच्चों को चोट लगने का खतरा रहता है.
स्कूल की दुर्व्यवस्था देख नामांकन नहीं लेना चाहते बच्चे
मॉडल स्कूल में सुदूर देहात क्षेत्र के गरीब बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल की व्यवस्था को देख लगातार नामांकन कम हो रहा है. अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला नहीं करा रहे हैं. इस स्कूल में प्लस टू तक पढ़ाई तक की मान्यता है. स्कूल से मैट्रिक पास करने वाले बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे स्कूल में दाखिला लेना पड़ता है. अंग्रेजी व संस्कृत के शिक्षक नहीं हैं.बारिश के दिनों में पठन-पाठन में परेशानी
मॉडल स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापिका स्नेहलता कुमारी ने बताया कि कमरे के अभाव में भी बच्चों को अच्छे तरीके से पठन-पाठन कराया जाता है. जर्जर भवन से छत की ढलाई गिरने पर दुर्घटना का डर रहता है. इस संबंध में कई बार संबंधित विभाग को लिखित शिकायत की गयी. अबतक सुनवाई नहीं हुई.
विधायक मंगल कालिंदी ने विधानसभा में तीन बार मामला उठाया
पटमदा के बामनी गांव में वर्ष 2014-15 से सवा तीन करोड़ की लागत से स्कूल का भवन बन रहा है. उक्त भवन में स्कूल शिफ्ट करने की मांग विधानसभा में विधायक मंगल कालिंदी तीन बार कर चुके हैं. इसके बाद भी सरकार व संबंधित विभाग से कार्रवाई नहीं हुई.मॉडल स्कूल भवन पांच वर्षों से तैयार, दीवारों में पड़ने लगी दरार
बामनी में निर्माणाधीन पटमदा मॉडल इंग्लिश स्कूल 5 वर्षों से तैयार है. स्कूल की दीवारों में दरारें पड़ने लगी हैं. संबंधित विभाग भवन का उपयोग नहीं क्यों नहीं कर रहा है, इस बारे में किसी अधिकारी को जानकारी नहीं है.
एक कमरे में चलती हैं तीन-तीन कक्षाएं
मध्य विद्यालय पटमदा (जाल्ला) के प्रभारी प्रधानाध्यापक अरबिंद कुइला ने बताया कि जिला अधिकारी के निर्देश पर वर्ष 2012 में स्कूल के 10 कमरों में पांच कमरे मॉडल इंग्लिश स्कूल को दिया गया. उनके पास मात्र पांच कमरे हैं. इसमें एक कमरे को आइसीडी मीटिंग रूम बनाया गया है. क्लास 6, 7 व 8 को एक-एक कमरे दिये गये हैं. बाकी दो कमरों में से एक में 1,2 व 3 क्लास की पढ़ाई एक साथ होती है. दूसरे कमरे में 4 व 5 क्लास की पढ़ाई होती है. इस संबंध में संबंधित विभाग व उच्च अधिकारी से कई बार लिखित शिकायत की गयी.
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