घाटशिला. घाटशिला की कालचिती पंचायत स्थित धोबनी निवासी प्रवासी मजदूर मुंशी टुडू करीब एक वर्ष पूर्व रोजगार की तलाश में कर्नाटक गये थे. उन्हें सुरक्षित झारखंड लाया गया. सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने से उनका दायां पैर कट गया था. वह बेंगलुरु के एक मानवतावादी आश्रय गृह में रह रहे थे. मुंशी टुडू के पिता बालकु टुडू ने सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर के जरिये अपने पुत्र की पहचान की. जिप सदस्य देवयानी मुर्मू से मदद की गुहार लगायी. प्रारंभ में प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं होने पर जिप सदस्य देवयानी मुर्मू ने स्थानीय पुलिस, बेंगलुरु पुलिस व सामाजिक संगठन सांवता बेंगलुरु ट्राइबल ऑर्गेनाइजेशन के सदस्यों के सहयोग से खोजबीन शुरू की. इसके बाद बांकी पंचायत के मुखिया फागु सोरेन ने पिता बालकु टुडू के साथ बेंगलुरु पहुंच कर साउथ बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा स्थित एआइआर ह्यूमैनिटेरियन होम्स से मुंशी टुडू को खोज निकाला. सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जिप सदस्य और मुखिया फागू सोरेन ने मुंशी टुडू को एयर इंडिया के विमान से झारखंड वापस लाया. देवयानी मुर्मू ने बताया कि सरकारी सहयोग नहीं मिलने पर उन्होंने स्वयं पहल कर प्रवासी मजदूर को वापस लाने का बीड़ा उठाया. वहीं मुंशी टुडू ने कहा कि उन्होंने घर लौटने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन देवयानी मुर्मू की मदद से उन्हें नया जीवन मिला है.
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