पटमदा. पटमदा की कुमीर, ओडिया, बनकुचिया व कसमार पंचायत के दो दर्जन गांवों समेत पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली कुमीर से दांदुडीह सड़क बनने के तीन माह बाद ही जगह-जगह टूटकर बर्बाद हो गयी. 11 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस सड़क का शिलान्यास 12 जुलाई 2022 को जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया था. सड़क के शिलान्यास कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों ने संबंधित ठेका कंपनी को गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने को कहा था. शिलान्यास के एक साल तक निर्माण कार्य को पूर्ण करना था. यह कार्य 2025 में किसी तरह संबंधित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से पूरा किया गया. सड़क के अंतिम सीमा दांदुडीह गांव में सड़क का निर्माण आज भी अधूरा है. ग्रामीण विकास विभाग जमशेदपुर की देखरेख में 15.350 किलोमीटर लंबी इस सड़क के किनारे आज भी कई गांवों में साइड फीलिंग नहीं की गयी है. इससे ग्रामीण आए दिन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण कार्य नहीं होने से सड़क की स्थिति जर्जर हो चुकी है.
पुल के दोनों ओर एप्रोच बाकी है : सहायक अभियंता
ग्रामीण विकास विभाग जमशेदपुर के सहायक अभियंता राजेश ने बताया कि कुमीर से दांदुडीह सड़क निर्माण का कार्य वर्ष 2025 में ही पूर्ण हो चुका है. पश्चिम बंगाल सीमा से सटे दांदुडीह सड़क निर्माण का कार्य अभी नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि कुमीर व बांकुचिया गांव के बीच नाला पर बन चुके पुल के दोनों ओर सड़क निर्माण में सिर्फ एप्रोच का काम बाकी है.शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई : मुखिया
कुमीर पंचायत के मुखिया दीपक कोड व ग्राम प्रधान मृत्युंजय महत्व ने बताया कि गुणवक्ता पूर्ण सड़क के निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने आंदोलन किया था, जिसके एवज में संबंधित विभाग द्वारा 2 करोड़ रुपये की राशि बढ़ायी गयी थी. इसके बाद भी संबंधित कंपनी शंकर ब्रदर एंड संस द्वारा सड़क निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया. कई गांव में आज भी साइड फीलिंग नहीं किया गया है जिससे जगह-जगह पर सड़क जर्जर हो चुके हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

