गालूडीह. विलुप्त हो रही आदिम जनजाति के सबर-बिरहोरों के उत्थान के लिए जिला प्रशासन ने सार्थक पहल शुरू की है. इसके तहत मिशन उत्थान के नाम पर वृहत सर्वे शुरू किया गया. जिलेभर के कुल 5024 विलुप्त होती आदिम जनजाति समाज के सबर-बिरहोर परिवारों का सर्वे कार्य शुरू किया गया. मंगलवार को सर्वे टीम घाटशिला प्रखंड की दारीसाई व घुटिया सबर बस्ती पहुंची. सर्वे टीम में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की पहल पर वीमेंस कॉलेज जमशेदपुर के विद्यार्थियों को शामिल किया गया है, जो सबर बहुल गांवों में जाकर सर्वे कार्य कर रहे हैं. बड़ाखुर्शी पंचायत के दारीसाई और घुटिया सबर बस्ती में सर्वे टीम में शामिल विद्यार्थियों ने सबर बस्ती का सर्वे किया. इस दौरान आदिम जनजाति सबरों को स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया गया. साथ ही प्रश्नोत्तरी प्रपत्र द्वारा विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण बातों की जानकारी ली गयी. विद्यार्थियों ने आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड, जॉब कार्ड, पेंशन योजना आदि की जानकारी ली गयी. विद्यार्थियों को आदिम जनजाति सबरों के जीवन से जुड़ी सभी पहलुओं को जानने का अवसर मिला. मौके पर पंचायत सचिव मानस पाल, सेविका दीपाली सिंह, सहिया पार्वती दास, वार्ड सदस्य सुशांत सिंह आदि उपस्थित थे.
डीसी की पहल पर शुरू हुआ मूल्यांकन
डीसी कर्ण सत्यार्थी ने स्थिति के मूल्यांकन के लिए मिशन उत्थान के तहत विशेष रूप से ग्राउंड सर्वे शुरू किया. प्रत्येक सबर-बिरहोर परिवार से संपर्क स्थापित कर योजनाओं के आच्छादन की जानकारी ली गयी. उनकी जरूरतों का मूल्यांकन हो रहा है. समाज को मुख्यधारा से जोड़ने, सरकार की सभी योजनाओं से आच्छादित करने व सेवाओं का लाभ दिलाने का यह प्रयास है. सर्वे में विशेष रूप से संवेदनशील जनजाति समूह (पीवीटीजी) की पहचान, उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन और योजनाओं से आच्छादन सुनिश्चित करना है. कुल 5024 सबर परिवारों के सर्वे का लक्ष्य रखा गया है. अभियान के तहत सर्वे टीम ने प्रत्येक पीवीटीजी परिवार से संपर्क कर जानकारी ली जा रही है कि वे अब तक किन सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. और उन्हें किन योजनाओं की आवश्यकता है. साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, आवास, आय-सृजन एवं सामाजिक सुरक्षा से संबंधित आवश्यकताओं का भी मूल्यांकन किया जा रहा है.सर्वे के आधार पर जनजातीय समाज का डाटा होगा तैयार
सर्वे के आधार पर एक समेकित डाटा तैयार कर योजनाबद्ध रूप से सभी जरूरतमंद परिवारों को सरकार की लाभकारी योजनाओं से आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है. इस पहल का उद्देश्य पीवीटीजी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ना है. उनकी आजीविका को सशक्त करना और उनके जीवन स्तर में समग्र सुधार लाना है. जिला प्रशासन इस अभियान को जन भागीदारी, अंतर-विभागीय समन्वय एवं सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ संचालित कर रहा है ताकि इस संवेदनशील समूह को दीर्घकालिक लाभ प्राप्त हो सके.
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