धालभूमगढ़. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर धालभूमगढ़ प्रखंड के बेहड़ा उमवि में शुक्रवार को सीनी टाटा ट्रस्ट ने छात्र-छात्राओं के बीच कार्यक्रम किया. यहां बच्चों को विज्ञान के महत्व व रोजमर्रा जिंदगी में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के बारे में बताया गया. बच्चों को कई प्रयोग कर दिखाये गये. कार्यक्रम का संचालन फील्ड कोऑर्डिनेटर मंगल टुडू व प्रधानाध्यापक सुकुमार दास ने किया. मंगल टुडू ने बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस र बच्चों के बीच पदार्थ की घुलनशीलता व अघुलनशीलता, चुंबक के दोनों ध्रुव, वायु का दबाव, सूक्ष्मदर्शी आदि पर प्रयोग कर जानकारी दी गयी. उन्होंने 1930 में नोबेल पुरस्कार पाने वाले भारतीय वैज्ञानिक डॉ सीवी रमन के बारे में जानकारी दी. उनका अनुसरण करने की बात कही. उन्होंने बच्चों को वैज्ञानिक विचारधारा अपनाने व अंधविश्वास रूढ़ीवादिता की सोच से दूर रहने को कहा. मौके पर शिक्षिका ममता सीट, साकरो टुडू, छात्र-छात्राएं दुलाली महतो, दुली टुडू, निकिता मांडी, मालती मांडी, चंद्राय सोरेन, सुंदरम मुर्मू, रोहित दास, मोहन हेंब्रम, पूर्णिमा सोरेन आदि उपस्थित थे.
वैज्ञानिकों को अपना रोल मॉडल बनायें विद्यार्थी
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर बीडीएसएल सरस्वती शिशु विद्या मंदिर मुसाबनी में एक कार्यक्रम किया गया. इसमें भैया-बहनों ने देश-विदेश के वैज्ञानिकों के जीवन परिचय व विश्व कल्याण में उनके योगदान पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में कक्षा छठी से नौवीं तक के भैया-बहनों ने भाग लिया. छात्र दुलाल ने महान वैज्ञानिक डॉ सीवी रमन के रमन इफ़ेक्टस व उनके नोबल पुरस्कार पर विस्तार से बताया. छात्रा भवानी ने महान वैज्ञानिक एडिसन के आविष्कारों पर प्रकाश डाला. करनी सुरेन ने माइकल फैराडे व सपना हेंब्रम ने नोबल पुरस्कार विजेता अल्बर्ट आइंस्टीन की सापेक्षता का सिद्धांत पर संक्षिप्त विवरण दिया. छात्र शोएब अंसारी ने डाल्टन ने प्रतिपादित परमाणु सिद्धांत की जानकारी दी. वहीं, विश्वजीत सरदार, पवित्र महतो व चंदना पात्र ने महान भारतीय वैज्ञानिक भास्कराचार्य, नागार्जुन और आर्यभट्ट के महान योगदान जैसे शून्य व पाई की खोज, सिद्धांत शिरोमणि पुस्तक, गुरुत्वाकर्षण पर प्रकाश डाला.दूसरी ओर, वनस्पति शास्त्र, रसायन शास्त्र, भौतिकी, गणित, खगोल शास्त्र से संबंधित वैज्ञानिक बीरबल साहनी, नील बोर, जेम्स वॉट, स्टीफन, हॉकिंस, अब्दुल कलाम, टेसी थॉमस के आविष्कारों से समाज को दिशा मिली. युवा पीढ़ी को उन्हें अपना रोल मॉडल बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया. उक्त विषय पर नीलेश मंडल, रबिया, सौरभ पानी, भूमिका पात्र, राकेश दास, आयुष गोराई ने अपनी बात रखी.
प्रधानाचार्य रूमी सरकार ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तर्क शक्ति व विज्ञान-गणित-सामाजिक विज्ञान भाषा आदि के विकास को मजबूती देना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है