चाकुलिया. चाकुलिया प्रखंड के भातकुंडा गांव में बुधवार को माल समाज का राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित हुआ. यहां समाज के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत नायक ने कहा कि उनके खतियान में जाति के स्थान पर माल अंकित है. माल जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं किया गया है. इसके विपरीत संताल परगना क्षेत्र के गोड्डा जिला में आज भी माल जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला हुआ है. राज्य में सरकार दोहरी नीति अपना रही है. यह सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि समाज के लोगों की भी गलती है. इसे सही तरीके से सही समय पर सरकार के समक्ष नहीं रखा जा सका है.
उन्होंने राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2004 व 2008 में जारी पत्र को दिखाते हुए कहा कि माल जाति के संबंध में मंतव्य के लिए पत्र जारी किया गया था. पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण यह समाज के बुद्धिजीवी वर्ग तक पहुंच नहीं पाया. इसका अंजाम आज तक भुगतना पड़ रहा है.समाज शिक्षित होगा, तभी अधिकार मिलेगा
बैठक में संताल परगना के गोड्डा, साहेबगंज, देवघर आदि क्षेत्र से समाज के लोग शामिल हुए. उन्होंने चाकुलिया के माल समाज के लोगों को जागरूक किया गया. साधन नायक ने कहा कि आरक्षण प्राप्त करने के लिए सबसे पहले समाज के लोगों का शिक्षित होना आवश्यक है. शिक्षा की कमी के कारण समाज के भविष्य के संबंध में किसी ने सुधि नहीं ली. इसके कारण आजादी के 77 वर्ष बाद भी अपना अधिकार हमें प्राप्त नहीं हो सका है.इस दौरान एक कमेटी का गठन किया गया. निर्णय लिया गया कि माल समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए नीतिगत आंदोलन की रणनीति तैयार की जायेगी.
मौके पर देवघर से राजकुमार माल, मिथिलेश कुमार, साहेबगंज से शिव शंकर राय, सपन राय, रूपचंद राय, कार्तिक राय, मानिक राय, पाकुड़ से मेघा राय, गोदाई माल, गोड्डा से अरुण माल, आनंद माल, राजेश माल, गौरांग नायक, शंकर नायक, धनपति नायक, बबलू नायक, मन्मथो नायक, तपन नायक, बैद्यनाथ नायक, महेंद्र नायक, मानिक नायक आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

