राकेश सिंह, चाकुलियापूर्वी सिंहभूम के किसानों को सिंचाई की व्यवस्था मिल जाये, तो वे वर्ष में तीन बार कृषि कार्य कर समृद्ध हो सकते हैं. इसका उदाहरण चाकुलिया प्रखंड के बड़ामारा मुंडा टोला के किसान हैं. कुछ समय पहले तक यहां के किसान बारिश के भरोसे रहते थे. वर्ष में एक बार धान की फसल लगाते थे.. बारिश अच्छी होने पर फसल अच्छी होती थी. बारिश नहीं हुई, तो फसल खराब हो जाती थी. किसान साल भर दुखी रहते थे. किसानों ने निजी तौर पर सिंचाई की व्यवस्था की. आपस में चंदा इकट्ठा कर बोरिंग की. यहां के किसानों ने पहली बार बादाम व आलू की खेती शुरू की है. दर्जन भर किसानों ने बादाम की खेती की, जबकि किसान मंगल मुंडा ने आलू की फसल लगायी है. आलू की अच्छी फसल हुई. कई किसानों ने प्रभावित होकर अगले वर्ष से आलू की फसल लगाने का निश्चय किया है.
जून में तैयार होगा बादाम
बादाम की खेती करने वाले किसानों में गुरभा मुंडा, चामटु मुंडा, सीताराम मुंडा, रितेश कुमार मुंडा, मंगल मुंडा, सोमाय मुंडा, श्रीधर मुंडा आदि शामिल हैं. किसानों ने बताया कि फरवरी महीने में बुआई की गयी है. जून महीने में बादाम तैयार हो जायेगा. सिंचाई की सुविधा होने के कारण बादाम की खेती करना संभव हुआ है. बताया गया कि सरकार यदि सिंचाई की समुचित व्यवस्था की जाये, तो किसानों को समृद्ध होने से कोई नहीं रोक सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है