घाटशिला.
मऊभंडार एचसीएल/आइसीसी कारखाना के समीप बुधवार की सुबह आईसीसी वर्कर्स यूनियन के नेतृत्व में संयुक्त ट्रेड यूनियन समिति ने प्रदर्शन किया. केंद्र सरकार पर मजदूर और किसान विरोधी का आरोप लगाया. यूनियन के नेताओं ने काला बिल्ला लगाकर नारेबाजी की. सुबह 8:15 से 9:00 बजे तक विरोध-प्रदर्शन चला. यूनियन के महासचिव ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार 44 पुराने श्रम कानूनों को खत्म कर चार नए लेबर कोड लागू करना चाहती है. इससे मजदूरों के अधिकार खत्म हो जाएंगे. ट्रेड यूनियन की ताकत खत्म हो जायेगी. विरोध करने पर मजदूरों पर केस दर्ज होगा. सरकार फिर से मजदूरों को गुलामी की ओर धकेलना चाहती है.कारखाना शुरू कराने के लिए दबाव बना रही यूनियन
श्री सिंह ने बताया कि दिसंबर 2019 से आइसीसी का कारखाना बंद है. जब तक माइंस नहीं खुलेंगी, तब तक कारखाना चालू नहीं होगा. अब माइंस खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. यूनियन ने कारखाना शुरू कराने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है. हाल में मेसर्स मेकॉन द्वारा फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया है. अब डीपीआर बनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. उन्होंने एचसीएल प्रबंधन से सवाल किया कि आज तक कारखाने के विकास में कितनी राशि का निवेश हुआ है. उन्होंने कहा कि थोड़ी-बहुत कोशिश हुई है, लेकिन वह नाकाफी है. कार्यक्रम में यूनियन नेता सनत काल्टू चक्रवर्ती ने कहा कि मजदूरों के हितों के लिए सभी यूनियन नेता एकजुट हैं. सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. मौके पर यूनियन अध्यक्ष बीएन सिंहदेव, एनके राय, विमलेश कुमार, भुवनेश्वर तिवारी सहित कई मजदूर नेता व बड़ी संख्या में मजदूर उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

