घाटशिला. गालूडीह बराज से पानी छोड़े जाने से झाड़ग्राम के गोपीवल्लभपुर वन और टू ब्लॉक में सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. तटबंध टूटने से मिट्टी कटाव शुरू हो गया है. बुधवार को कटाव क्षेत्र का निरीक्षण करने पश्चिम बंगाल के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां पहुंचे. केंद्र सरकार पर स्थिति की गंभीरता के लिए सीधे तौर पर आरोप लगाया. गोपीवल्लभपुर 2 ब्लॉक के मालिंचा गांव में कटाव स्थल पर खड़े होकर मंत्री ने कहा, ओडिशा और झारखंड सरकार ने बिना जानकारी दिये गालूडीह बराज से 1.32 लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया. हमने कई बार केंद्र को सूचित किया. मुख्यमंत्री खुद प्रधानमंत्री से मिलीं और पत्र दिया. केंद्र ने कोई कदम नहीं उठाया. मंत्री ने कहा कि झारखंड और ओडिशा की सरकार सहयोग नहीं कर रही हैं. केंद्र सरकार का काम है कि वह राज्यों के साथ समन्वय बनाकर निर्णय ले. केंद्र ऐसा व्यवहार कर रहा है मानो बंगाल को और अधिक संकट में डालना चाहता है.
दिशा बदल रही नदी, लोगों को राहत पहुंचायें :
इस दौरान मंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि प्रभावित परिवारों को पूरी तरह राहत मिलनी चाहिए. नदी के तटबंधों की मरम्मत के लिए तुरंत योजना तैयार करें. कटुआ खाल, मालिंचा, बाघडीहा और जालबेरा समेत नदी किनारे के क्षेत्रों में कटाव गंभीर रूप ले चुका है. मालिंचा में लगभग 1200 मीटर तटबंध का काम तत्काल आवश्यक है. मंत्री ने कहा कि यहां मिट्टी नहीं है, केवल बालू है. पानी आते ही बालू बह जाता है. नदी की दिशा बदल रही है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया है, चाहे जो हो, हमें लोगों के साथ खड़ा रहना होगा. मंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर त्वरित और प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया.गालूडीह बराज के आठ गेट खोले गये
लगातार बारिश से सुवर्णरेखा नदी फिर उफान पर है. कई छोटे-बड़े नाले और पहाड़ी नदी इसमें मिलती है. चांडिल डैम, गजिया बराज, जादूगोड़ा डैम के गेट खुलने से नदी का जलस्तर बढ़ गया है. बुधवार को गालूडीह बराज के 18 में से 8 गेट खोल दिये गये. नदी की पूर्व दिशा में पानी जा रहा है. गालूडीह से बहरागोड़ा तक नदी उफान पर है. बराज में पानी का लेवल बुधवार दोपहर तक 91 मीटर आरएल था. सुवर्णरेखा परियोजना के मुख्य अभियंता, चांडिल कॉम्पलेक्स राम निवास प्रसाद ने कहा गालूडीह बराज के आठ गेट खुले हैं. डैम में पानी का लेवल शाम में 86.5 मीटर आरएल था. नदी की पूर्व दिशा में प्रति सेकेंड शाम में 3350.37 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. स्थिति पर लगातार परियोजना पदाधिकारियों की नजर है. नदी के तटवर्ती गांवों और मछुआरों को डैम से पानी छोड़ने वक्त सायरण बजाकर अलर्ट किया जा रहा है.ओडिशा के आग्रह पर गालूडीह बराज से दायीं नहर में पानी छोड़ना किया गया बंद
लगातार हो रही बारिश के कारण गालूडीह बराज से दायीं नहर में ओडिशा के लिए छोड़ा जा रहा पानी बुधवार को बंद कर दिया गया. ओडिशा सरकार के कहने पर परियोजना पदाधिकारियों ने उक्त निर्णय लिया. ओडिशा की मांग पर बीते तीन जुलाई को दायीं नहर में प्रति सेकेंड 12 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा था. दरअसल, बारिश इतनी हो रही है कि नहर में पानी की जरूरत नहीं है. ज्ञात हो कि बराज से हर साल खरीफ में धान की खेती के लिए ओडिशा को पानी दिया जाता है. इस बार लगातार बारिश से नहर को पानी की जरूरत कम पड़ रही है. अभी तक किसान धान का बिचड़ा तैयार नहीं कर पा रहे हैं. तैयार बिचड़ा को किसान रोपनी कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

