धालभूमगढ़. धालभूमगढ़ प्रखंड स्थित मौदाशोली प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हालत में है. भवन का आधा हिस्सा उपयोगी है. इसके दो कमरे में से एक में पठन-पाठन होता है. एक अति जर्जर हालत में है. विद्यालय में कुल 46 छात्र-छात्राएं नामांकित है. भवन इतना जर्जर है कि कभी भी हादसा हो सकता है. विद्यालय में एक सरकारी शिक्षक दीपंकर मंडल व एक पारा शिक्षक रवींद्रनाथ सिंह कार्यरत हैं. स्कूल भवन की स्थिति देख सेवानिवृत्त शिक्षक प्रताप चंद्र अधिकारी ने चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन व जिला के वरीय पदाधिकारियों से मिलेंगे. उन्होंने बताया कि 1972 में मौदाशोली प्राथमिक विद्यालय की शुरुआत उनके पैतृक आवास में हुई थी. हरे कृष्ण महतो प्रथम शिक्षक के रूप में पदस्थापित हुए थे. गांव के समाजसेवी श्यामा पद अधिकारी ने अपने भवन का एक हिस्सा विद्यालय शुभारंभ करने के लिए छोड़ दिया. लगभग एक साल में लोगों के प्रयास से मिट्टी और फूस से विद्यालय भवन का निर्माण हुआ. 1980 में सरकारी पक्का भवन बना. वह भवन जर्जर होने के कारण बाद में ध्वस्त कर दिया गया. श्री अधिकारी ने प्रभारी प्रधानाध्यापक दीपंकर मंडल से कहा कि जिला स्तरीय पदाधिकारियों से निवेदन करेंगे. शिक्षा मंत्री से मिलकर विद्यालय परिसर की खाली जमीन में डीएमएफटी फंड से दो कमरों के निर्माण के लिए आग्रह करेंगे.
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