बहरागोड़ा. घाटशिला अनुमंडलीय बार एसोसिएशन के अधिवक्ता ज्योतिर्मय दास उर्फ जेडी ने कहा कि अगर नियोक्ता कंपनी किसी कर्मचारी की पीएफ राशि को जमा नहीं करती है. ऐसी परिस्थिति में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) में शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इपीएफ एक्ट 1952 के अनुसार, यह कानूनी अनिवार्यता है. नियोक्ता पर जुर्माना लग सकता है. श्री दास शनिवार को प्रभात खबर लीगल काउंसेलिंग में चांडिल निवासी अभिषेक वर्मा के सवाल पर जवाब दे रहे थे. घाटशिला अनुमंडल के बहरागोड़ा में शनिवार को काउंसेलिंग में काफी संख्या में लोगों ने अपनी समस्याएं रखकर सलाह ली. उन सवालों में से कुछ प्रकाशित किए जा रहे हैं. ज्ञात हो कि प्रभात खबर अपने सामाजिक दायित्व के तहत प्रत्येक शनिवार को कानूनी सलाह कार्यक्रम आयोजित कर रहा है.
पाठकों के सवाल व अधिवक्ता की सलाह
1. प्राइवेट कंपनी ने बिना कारण मुझे नौकरी से निकाल दिया, क्या मैं केस कर सकता हूं ? (विवेक शर्मा, धालभूमगढ़)सलाह :
यदि आपका अनुबंध बिना किसी वैध कारण के समाप्त किया गया है, तो श्रम न्यायालय में अन्यायपूर्ण बर्खास्तगी का केस दायर कर सकते हैं. इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट, 1947 और शॉप्स एंड एस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत न्याय मिल सकता है.2. क्या कोई कंपनी अपने कर्मचारियों का सैलरी भुगतान रोक सकती है? (दीपक कर्मकार, दक्षिणासोल)
सलाह :
पेमेंट ऑफ वेजेस एक्ट, 1936 के तहत किसी भी कंपनी को बिना कानूनी कारण के वेतन रोकने का अधिकार नहीं है. आप लेबर कोर्ट या श्रम आयुक्त से शिकायत कर सकते हैं.3. अगर कोई कंपनी घटिया सामान बेचती है और रिफंड देने से मना करती है, तो क्या कर सकते हैं ? (राकेश गोप, लोधासोली)
सलाह :
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत आप कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इस मामले में हर्जाना मांग सकते हैं.4. पति तलाक नहीं देना चाहता है, लेकिन मैं तलाक चाहती हूं, क्या करूं ? (बहरागोड़ा, नाम नहीं देने की शर्त)
सलाह :
हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 के तहत पत्नी मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना, परित्याग, क्रूरता आदि के आधार पर अदालत में एकतरफा तलाक का केस दाखिल कर सकती है. 5. अगर नियोक्ता कंपनी पीएफ की राशि जमा नहीं कर रही है, तो क्या कर सकते हैं? (अभिषेक वर्मा, चांडिल)सलाह :
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) में शिकायत दर्ज करें. इपीएफ एक्ट 1952 के अनुसार, यह कानूनी अनिवार्यता है. नियोक्ता पर जुर्माना लग सकता है.6. अगर पेट्रोल पंप में कम पेट्रोल दिया गया, तो क्या कर सकते हैं? (मधुसूदन पाल, बहरागोड़ा)
सलाह :
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 और लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट 2009 के तहत जिलाधिकारी या उपायुक्त को शिकायत करें. जुर्माना और लाइसेंस रद्द हो सकता है.7. अगर डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत हो जाती है, तो क्या कार्रवाई हो सकती है? (बहरागोड़ा, नाम नहीं छापने की शर्त)
सलाह :
मेडिकल नेग्लिजेंस के तहत उपभोक्ता फोरम, सिविल कोर्ट या क्रिमिनल केस दर्ज कराया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के अनुसार, डॉक्टर पर बीएनएस 2023 की धारा 106 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत कार्रवाई हो सकती है. 8. उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र कोर्ट से प्राप्त करने की प्रक्रिया क्या है? (रामदेव पलाई, कुमारडुबी)सलाह :
उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए नजदीकी सिविल कोर्ट (जिला न्यायालय) में याचिका दाखिल करें. याचिका में मृतक की संपत्ति, कानूनी उत्तराधिकारी और अन्य आवश्यक विवरण दें. अदालत नोटिस जारी कर आपत्ति मांगेगी, यदि कोई आपत्ति नहीं होती, तो प्रमाण पत्र जारी कर दिया जायेगा. 9. क्या जमानत मिलने के बाद केस खत्म हो जाता है? (राम निवास ठाकुर, मुसाबनी)सलाह :
नहीं, जमानत केवल अस्थायी राहत होती है. मुकदमे की सुनवाई जारी रहती है. अदालत में अंतिम निर्णय होने तक मामला खत्म नहीं होता है.10. दादी को मिले दान पत्र की जमीन पर 40 वर्षों से खेती कर रहा हूं, अब जमीन दाता ने केस कर दिया, क्या करूं ? (निताई सोरेन, भारुडीह)
सलाह :
अगर आपने 40 वर्षों से शांतिपूर्ण और निरंतर कब्जा किया है, तो विपरीत स्वामित्व के आधार पर दावा कर सकते हैं. सिविल कोर्ट में अपना बचाव करें. सभी दस्तावेज व साक्ष्य प्रस्तुत करें.11.पति के निधन के बाद ससुर की संपत्ति में मेरा और संतान का अधिकार कैसे होगा? (सपना रानी नायक, कटक, ओडिशा)
सलाह :
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत यदि संपत्ति पैतृक है, तो पति के निधन के बाद आप और संतानें हिस्से के हकदार होंगे. यदि संपत्ति स्व-अर्जित है और ससुर ने वसीयत नहीं बनायी, तो पति का हिस्सा आपको मिलेगा. उत्तराधिकार प्रमाण पत्र बनवाकर कानूनी दावा कर सकती हैं.12. किसी और के दस्तावेज में केयर ऑफ में मेरा नाम और पता गलत आ रहा है, क्या करना चाहिए? (पीके मोहंती, घाटशिला)
सलाह :
संबंधित विभाग (डाक विभाग, बैंक, सरकारी कार्यालय) में लिखित शिकायत करें और गलती सुधारने के लिए प्रमाणित दस्तावेज (आधार कार्ड, बिजली बिल आदि) संलग्न करें. 13. पिता की जमीन पर किसी ने कब्जा कर लिया, पुलिस और अंचल अधिकार को आवेदन देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई, अब क्या करूं ? (राजू सिंह, नतूनगढ़)सलाह :
एसडीएम कोर्ट में धारा 163 बीएनएसएस 2023 के तहत मामला दर्ज कराएं या सिविल कोर्ट में स्वामित्व और बेदखली का मुकदमा दायर करें या धारा 329 (1) बीएनएस 2023 (आपराधिक अतिक्रमण) में प्राथमिकी दर्ज करायें. 14. लंबे समय से अलग रह रहे पति-पत्नी को तलाक कैसे मिलेगा? (बीएस नायक, इचराशोल)सलाह :
यदि सहमति से तलाक चाहिए, तो हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13B के तहत संयुक्त याचिका दायर करें. एक पक्ष तैयार नहीं है, तो तलाक के लिए एकतरफा याचिका दायर करें. 15. कोर्ट से वारंट जारी होने के बावजूद अभियुक्त गिरफ्तार नहीं हुआ, आगे क्या करें? (संजय कुमार जैन, घाटशिला)सलाह :
संबंधित थाना प्रभारी को लिखित शिकायत दें. फिर भी कार्रवाई नहीं होती है, तो एसपी/डीसी को आवेदन दें या धारा 528 बीएनएसएस,2 023 के तहत उच्च न्यायालय में अपील करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है