घाटशिला. झारखंड के स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने शनिवार को फूलडुंगरी स्थित झामुमो कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा एचसीएल-आइसीसी कंपनी से निकलने वाला अयस्क धालभूमगढ़ रेल मार्ग के जरिये विदेश, गुजरात और महाराष्ट्र भेजा जा रहा है, जबकि यहां आइसीसी का मऊभंडार कारखाना पांच साल से बंद है. स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है. झारखंड सरकार और झामुमो पार्टी का इस मुद्दे पर रुख स्पष्ट है कि अगर कारखाना नहीं खुला और स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिला, तो अयस्क बाहर नहीं जाने देंगे. मंत्री रामदास सोरेन ने सांसद विद्युत वरण महतो पर भी निशाना साधा. कहा कि सांसद ने वादा किया था कि यहां से एक मुट्ठी अयस्क बाहर नहीं जाने देंगे. अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई. मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार ने केंदाडीह, सुरदा, चापड़ी और राखा खदानों के संचालन को ग्रीन सिग्नल दे दिया है. फिर भी स्थानीय लोगों को रोजगार का लाभ नहीं मिल रहा है, जो बेहद चिंताजनक है. एचसीएल आइसीसी पूरी तरह संचालित हो मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि एचसीएल आइसीसी पिछले पांच साल से बंद पड़ी है. इससे स्थानीय लोगों का रोजगार छिन गया है. हाल ही में काफी प्रयास के बाद मजदूरों को केवल 13 दिनों का अस्थायी रोजगार दिया जा रहा है, जो नाकाफी है. उन्होंने मांग की कि मजदूरों को पूरे माह रोजगार मिले. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि तांबा उत्पादन इकाई को शुरू किया जाये. मंत्री ने कहा कि यदि कंपनी स्थानीय हितों की अनदेखी करती है, तो राज्य सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. अयस्क को बाहर जाने से रोका जायेगा.
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