गालूडीह. दिव्यांगों को हर महीने मिलने वाली पेंशन में लेटलतीफी से मुश्किलें बढ़ रही हैं. घाटशिला प्रखंड की उलदा पंचायत स्थित पुतड़ू गांव निवासी अनिल महतो की दिव्यांग पुत्री सुनीता महतो (22) और दिव्यांग पुत्र दीपक महतो (20) को एक साल से दिव्यांगता पेंशन नहीं मिली है. ऐसे में दोनों काफी परेशान हैं. उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नही है. पेंशन को लेकर दोनों लगातार बैंक का चक्कर लगा रहे हैं. दिव्यांगों का दुखड़ा सुनने वाला कोई नहीं है. सुनीता महतो बोल नहीं पाती है. वहीं, दीपक महतो के दोनों हाथ और पैर काम नहीं करता है. वह बिस्तर पर पड़ा रहता है. परिवार के साथ दोनों बैंक जाते हैं, मगर निराश होकर घर लौटते हैं. अनिल महतो की पत्नी कमला महतो ने बताया कि पेंशन स्वीकृति के बाद सिर्फ एक बार दो हजार रुपये बैंक में आये थे. उसके बाद से पेंशन बंद है. पेंशन की राशि ही इनकी जिंदगी डोर है. उक्त राशि से अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं. मालूम हो कि घाटशिला प्रखंड में कई दिव्यांग लाभुकों को लंबे समय से पेंशन नहीं मिली है. पूरे अनुमंडल में यही स्थिति बनी हुई है. पेंशन भुगतान लंबित रहने से लाभुक परेशान हैं, जबकि सरकार बड़े-बड़े वादे करने के बावजूद नाकाम साबित हो रही है. क्यों पेंशन फंसी है, यह बताने वाला कोई नहीं है. हालांकि 21 नवंबर से फिर पंचायत स्तर पर शिविर लगेगा, जहां इन मामलों का त्वरित समाधान जरूरी है.
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