पटमदा. पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश हरी सब्जी की खेती करने वाले किसानों के लिए मुसीबत बन गयी है. खेतों में जरूरत से ज्यादा पानी भर जाने से टमाटर, लौकी, नेनुआ, करैला, कोहड़ा और बरबट्टी जैसी सब्जियों की फसलें डूबने की कगार पर हैं. इससे पौधे भी खराब होने लगे हैं. पटमदा क्षेत्र के किसानों ने बताया कि अब तक जो फसलें दोन 2 (कानाली) और दोन 3 (बाइद) जमीन पर तैयार की गयी थीं, वे भारी बारिश से प्रभावित हो रही हैं. यदि यही हालात रहे तो 5-10 रुपये किलो बिकने वाली सब्जियां दो दिन में 50 रुपये किलो तक पहुंच सकती हैं. प्रगतिशील किसान श्रीमंत मिश्रा (राखडीह) ने कहा कि यह प्री-माॅनसून बारिश न केवल सब्जियों बल्कि धान की खेती के लिए भी नुकसानदायक सिद्ध हो रही है. जो किसान बिचड़ा तैयार करने के लिए बीज डाले थे, उनके खेतों में पानी भर जाने से वह नष्ट हो सकता है. इससे लागत बढ़ेगी और समय भी बर्बाद होगा. जोड़सा गांव के किसान अनिल चंद्र कुंभकार और सुनील कुंभकार ने बताया कि उन्होंने हजारों रुपये खर्च कर लौकी की खेती की है. उत्पादन भी अच्छा हुआ था, लेकिन अब पानी भर जाने से फसल सड़ने का डर बना हुआ है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

