बरसोल. बहरागोड़ा प्रखंड की खंडामौदा पंचायत स्थित पांचरुलिया गांव के रुलिया टोला में पेयजल का गंभीर संकट है. झारखंड का सर्वाधिक प्रसारित हिंदी दैनिक ‘प्रभात खबर’ ने अपने सामाजिक दायित्व के तहत शुक्रवार को रुलिया टोला में ‘प्रभात खबर आपके द्वार’ कार्यक्रम आयोजित किया. यहां ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा, सरकार जल संकट से मुक्ति दिला दे, हमें और कुछ नहीं चाहिए. ग्रामीणों ने कहा कि गांव में गंभीर पेयजल संकट है. पानी के लिए हाहाकार मचा है. गांव में करीब 60 से 70 परिवार रहते हैं. इसकी आबादी करीब 300 है.
जलमीनार खराब, गुहार लगाकर थक गये हैं ग्रामीण
गांव में करीब 10 साल पहले सोलर जलमीनार लगी थी. कुछ वर्ष चलने के बाद उक्त जलमीनार खराब हो गयी. उक्त जलमीनार से गांव के सभी परिवार पानी लेते थे. गांव में सोलर आधारित जलमीनार खराब हो जाने से पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है. गांव के लोग पानी के हर दिन जद्दोजहद कर रहे हैं. जनप्रतिनिधियों से आग्रह के बाद भी आज तक जलमीनार की मरम्मत नहीं हुई. गर्मी के दस्तक के साथ पानी का संकट गहराया गया है. गर्मी बढ़ने पर क्या होगा, इसकी चिंता सता रही है. जल्द पहल नहीं हुई, तो पेयजल संकट विकराल रूप धारण कर लेगा.…क्या कहते हैं ग्रामीण…
गांव में पीने का पानी बहुत गंभीर संकट है. इस विषय पर क्षेत्र के मुखिया समेत विधायक चुप हैं. जनप्रतिनिधियों को पानी की व्यवस्था करनी चाहिये. इस गंभीर मुद्दे पर उचित पहल नहीं हुई, तो गर्मी में स्थिति भयावह होगी. – शिव शंकर नायक, ग्रामीण——————————–कुछ दिनों बाद गर्मी बढ़ने पर पानी के लिए ग्रामीणों को तरसना पड़ेगा. जल विभाग से मांग है कि अभी गर्मी पड़ने से पहले गांव पर ध्यान देकर पानी की समस्या का हल कर दे. पानी के लिए ग्रामीण परेशान होते हैं.
– आशीष जेना, ग्रामीण——————————मैं दिव्यांग हूं. मुझे ट्राई साइकिल मिली है. पानी की व्यवस्था लिए मुझे अपनी ट्राई साइकिल से दूसरे घरों से पानी लाना पड़ता है. इसमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पानी तो हर हाल में चाहिए, विभाग ध्यान दे.
– राजेश जेना, ग्रामीण——————————-क्षेत्र के मुखिया पंचानन मुंडा कभी-कभी आश्वासन देते हैं कि जल्दी गांव में सोलर जलमीनार को ठीक कर दिया जायेगा. आज तक जलमीनार ठीक नहीं हुई. मुखिया को सोचना चाहिए कि हम पानी के लिए भटकते हैं.
– महादेव डांगुआ, ग्रामीण——————————–घर में जरूरत भर का पानी लाने के लिए दूसरों के घरों पर निर्भर रहना पड़ता है. जिस घर में सबमर्सिबल हैं, वे लोग अपने हिसाब से पानी का मोटर चलाते हैं. समय पर नहीं पहुंचा, तो बाद में पानी नहीं मिल पाता है.
– जगदीश जेना, ग्रामीण—————————हम लोग युवा हैं. नहाने-धोने के लिए तालाब पर चले जाते हैं. महिलाओं के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. दूसरों के घर से पानी लाने में परेशानी होती है. विभाग को जल्द समाधान करना चाहिए.
– विशेश्वर धड़ा, ग्रामीण———————————महिलाओं को पता है कि पानी के लिए कितना तरसना पड़ता है. घर के काम के लिए पानी चाहिए. दूसरों के घर से जाकर पानी लाते हैं. गांव की सोलर जलमीनार बन जाने से हम लोगों को काफी सहूलियत होगी.
– महेश्वरी मुंडा, ग्रामीण—————————–जल ही जीवन है. हर घर में नल से जल का नारा लगाया जाता है. हमारे गांव में स्थिति बिल्कुल अलग है. जल्द से जल्द पानी की समस्या का निदान हो जाय और कुछ नहीं चाहिए. वर्षों से हम समस्या से जूझ रहे हैं.
दुर्गावती जेना, ग्रामीण———————————वर्षों से हम पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. अब आदत बन गयी है. कभी-कभी लगता है पानी की समस्या गांव में कभी दूर नहीं होगी. गर्मी में गांव में पानी के लिए हाहाकार मच जाता है. जनप्रतिनिधि इस मामले में चुप हैं.
– हीरामनी मुंडा, ग्रामीण———————————–गांव में 60 परिवार और 300 लोग निवास करते हैं. आज तक पानी की समस्या का निदान नहीं हुआ. यह आश्चर्य की बात है. सरकार जल ही जीवन है का नारा लगाती है. यहां के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं.
– गुरुवारी नायक, ग्रामीण——————————–मैं गांव में शादी करके आयी हूं, तभी से पानी का समस्या देख रही हूं. भगवान जाने कब इस गांव में पानी की समस्या दूर होगी. कभी ऐसा लगता है जीवन भर पानी की समस्या झेलनी पड़ेगी. सरकार को जल्द ध्यान देना चाहिए.
– पिंकी मुंडा, ग्रामीण——————————मैं विधवा हूं. मेरी उम्र हो चुकी है. 10 वर्ष पहले गांव में पानी की समस्या थी. जलमीनार बनने के बाद समस्या कुछ हद तक दूर हुई. हालांकि, जलमीनार खराब होने के बाद पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो गया है.
– नमिता मुंडा, ग्रामीणडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है