मुसाबनी. मुसाबनी में शुक्रवार को आयोजित रथयात्रा में पश्चिम बंगाल के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शिवाजी घोष अपने परिवार के साथ शामिल हुए. उनके साथ उनकी पत्नी डॉ. जयती घोष, बड़े भाई विद्युत घोष, बड़ी बहन शर्मिष्ठा घोष, भाभी प्रतिभा प्रतिमा घोष, छोटे भाई नीलाभ घोष और उनकी पत्नी सहेली घोष भी मौजूद थीं.
1972 में शिवलाल हाई स्कूल, मुसाबनी से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की
शिवाजी घोष का मुसाबनी से गहरा नाता मुसाबनी रहा है. वे यहीं पले-बढ़े हैं और वर्ष 1972 में शिवलाल हाई स्कूल, मुसाबनी से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. उनके पिता एमएस घोष, आइसीसी कंपनी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. उनका परिवार मुसाबनी नंबर 3 स्थित विश्वनाथ मंदिर के समीप के बंगले में रहता था.
2018 में पश्चिम बंगाल के डीजीपी पद से रिटायर हुए
शिवाजी घोष 1985 बैच के आइपीएस अधिकारी रहे हैं. वर्ष 2018 में वे पश्चिम बंगाल के डीजीपी पद से सेवानिवृत्त हुए. इसके बाद उन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस हाउसिंग बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहां वे सात वर्षों तक सेवा देने के बाद दिसंबर 2024 में सेवानिवृत्त हुए. रथयात्रा में उनके साथ उनके बचपन के मित्र सरदार राजेंद्र सिंह भी मौजूद थे. श्री घोष का परिवार इस दौरान सरदार राजेंद्र सिंह के घर पर ही ठहरा हुआ है. उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2015 में राजेंद्र सिंह के बेटे की शादी में शामिल होने के लिए मुसाबनी आये थे.
श्री घोष ने कहा, “मुसाबनी में बीता बचपन आज भी मेरी स्मृतियों में जीवित है. लेकिन अब बहुत कुछ बदल गया है. माइंस बंद होने के बाद मुसाबनी की रौनक फीकी पड़ गयी है. उन्होंने रथ यात्रा के सफल आयोजन के लिए समिति के सभी सदस्यों को शुभकामनाएं और बधाई दी।रथयात्रा में शामिल हुईं डॉ सुनीता देवदूत
भाजपा नेत्री सह समाजसेवी अपने महिला कार्यकर्ताओं के साथ शुक्रवार को मुसाबनी रथयात्रा में शामिल हुईं. महाप्रभु जगन्नाथ की पूजा कर क्षेत्र की सुख-शांति और तरक्की की कामना की. वह महाप्रभु की रथ की रस्सी भी खींची और आशीर्वाद लिया.
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