गुड़ाबांदा. गुड़ाबांदा प्रखंड की सिंहपुरा पंचायत के भाकर गांव से सटे जंगल धधक रहे हैं. दिन-रात लगातार धुएं के गुब्बार के साथ आग की लपटें जंगल में उठ रही हैं. जंगल में तेजी से आग फैल रही है. इससे सैंकड़ों पेड़-पौधे झुलस कर बर्बाद हो रहे हैं. वहीं वन्य प्राणियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जंगल से सटे सड़क किनारे वन विभाग की ओर से लगाये गये कई पौधे भी आग की चपेट में आ चुके हैं. प्रखंड के कई गांवों के आसपास आग धधक रही है. जानकारी मुताबिक, महुआ चुनने के कारण भी ग्रामीण पेड़ के नीचे आग लगा देते हैं. इससे उक्त आग धीरे-धीरे जंगल में फैल रही है. वनकर्मी अभिलाष महतो ने बताया कि ग्रामीणों को वन क्षेत्र में आग नहीं लगाने के लिए विभाग जागरूक कर रहा है. बावजूद कुछ लोग महुआ महुआ चुनने को लेकर आग लगा देते हैं.
गुड़ाबांदा में जलाशयों के जलस्तर घटे, जानवर परेशान
गर्मी के दस्तक देते ही गुड़ाबांदा प्रखंड में नदी, नाला, प्राकृतिक झरने व तालाब आदि जलाशय सूखने लगे हैं. इससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गयी है. अभी मार्च का महीना चल रहा है. भीषण गर्मी आनी बाकी है. अभी से तालाब का जलस्तर कम हो रहा है. इससे बैल, गाय, बकरी आदि जीव-जंतु पानी के लिए परेशान हो रहे हैं. गुड़ाबांदा के पहाड़ी इलाके में भी अभी से अधिकतम तापमान 39 डिग्री है. जबकि निचले भागों में यह तापमान लगभग 32-35 डिग्री तक पहुंच गया है. कृषि पदाधिकारी कृष्ण सिंह कुंतियार ने बताया वैज्ञानिकों के अनुसार, हर वर्ष भूमिगत जलस्तर घट रहा है, पेड़ पौधों और जंगल का दायरा घट रहा है. वातावरण में तापमान की निरंतर वृद्धि हो रही है. जंगलों के उजड़ने से पर्यावरण संकट गहरा रहा है. जल, जंगल और जमीन बचेगा तो ही पर्यावरण संतुलन बना रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है