पटमदा. पटमदा प्रखंड का आदिम जनजाति सबरों का गांव धूसरा डायरिया की गंभीर चपेट में आ गया है. गांव के लगभग हर घर में लोग बीमार हैं. मंगलवार को स्थिति गंभीर होने पर आठ मरीजों को इलाज के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. इन मरीजों का इलाज इमरजेंसी विभाग में चल रहा है. स्थानीय ग्रामीण सुमन सबर ने बताया कि उनके परिवार के चार सदस्य बीमार हैं. गांव में शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है और लोग मजबूरी में कुएं का पानी पीते हैं. बरसात के मौसम में कुएं का पानी दूषित हो जाता है, जिससे बीमारी तेजी से फैली है. पटमदा सीएचसी की मेडिकल टीम मंगलवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी आरके सिंह के नेतृत्व में धूसरा ढोलकोचा सबर टोला पहुंचकर डायरिया पीड़ित मरीजों का इलाज किया. सबर टोला के सोनू सबर (70 ), चमचमी सबर (14), मार्शल सबर (10), हर्षचंद्र सबर (44), रानी सबर (11), सोमवारी सबर (28) व दीपक सबर (2) नये मरीजो को माचा सीएचसी में भर्ती कराया गया है. जबकि गंभीर रूप से पीड़ित सूरजमणि सबर (19), मालती सबर (18) व शुकमल सबर ( 11) को जांचोपरांत सीएचसी प्रभारी डॉ आरके सिंह ने एमजीएम अस्पताल भेज दिया. सीएचसी प्रभारी डॉ आरके सिंह ने बताया कि सीएचसी में लाये गये सभी मरीजों की स्थिति ठीक है. पारिवारिक चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि पूरे गांव में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया है. मौके पर आइडीएसपी डॉ अशद, एएनएम शोभा महतो व मणिवला सिंह मौजूद थे. गांव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने की मांग : ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द गांव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि इस तरह की बीमारियों को फैलने से रोका जा सके. ग्रामीणों का आरोप है कि अब तक न तो स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची है और न ही प्रशासन ने कोई मदद की है.
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