घाटशिला/जमशेदपुर. घाटशिला विधानसभा उप चुनाव को लेकर बिसात बिछने लगी है. नेताओं की राजनीतिक चाल शुरू है. दूसरी तरफ प्रशासनिक तैयारी जारी है. मतदाता प्रारूप का प्रकाशन हो चुका है. दूसरी तरह विभिन्न राजनीतिक दल अपनी-अपनी राजनीतिक चाल चलने लगे हैं. यह सीट झामुमो की है. रामदास सोरेन विधायक थे. उनके निधन के बाद सीट खाली हुई है. छह माह के अंदर उप चुनाव होना है. अबतक चुनाव की अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. 15 अगस्त को रामदास सोरेन का निधन हुआ. नवंबर से जनवरी के भीतर यहां उप चुनाव तय है.
जिला प्रशासन ने वोटर लिस्ट को अपडेट करने का काम शुरू कर दिया है, वहीं झामुमो-भाजपा ने भी क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. पूर्व मंत्री दिवंगत रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन ने मंगलवार से घाटशिला की धरती को नमन कर वहां अपनी राजनीतिक पारी खेलने का ऐलान किया, जबकि दो दिन पहले से ही पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन अपने पुत्र बाबूलाल सोरेन को लेकर वहां सक्रिय हो गये हैं. घाटशिला-काशिदा को लेकर पोस्ट करना उनकी सक्रियता के साथ-साथ चुनावी राजनीति को भी फोकस कर रहा है. वर्तमान परिस्थितियों में यह साफ हो गया है कि उप चुनाव में झामुमो के प्रत्याशी के रूप में सोमेश सोरेन और भाजपा की तरफ से प्रत्याशी के रूप में बाबूलाल सोरेन मैदान में उतरेंगे. इसके अलावा घाटशिला में पूर्व विधायक रहे प्रदीप कुमार बलमुचु को लेकर भी चर्चा है कि वे किसी भी दल से खुद को चुनाव मैदान में उतरने को तैयार हैं. झामुमो के लोगों ने दावा किया कि उप चुनाव के पहले ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूर्व मंत्री रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश को मंत्री बनाकर बड़ा दाव खेलेंगे.-पिता रामदास की विरासत संभालने को तैयार सोमेश
इधर, रामदास सोरेन के निधन के बाद उनके बड़े पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन अपने पिता के राजनीतिक विरासत संभालने के लिए मैदान में उतर चुके हैं. श्राद्धकर्म निपटाने के बाद मंगलवार से घाटशिला विस क्षेत्र में दौरा शुरू कर चुके हैं. पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ता और ग्रामीणों से संवाद करने लगे हैं.
–भाजपा से कई दावेदार बाबूलाल का उतरना तय
दूसरी ओर भाजपा की ओर से पिछले विधानसभा चुनाव लड़ने वाले चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन का उतरना तय माना जा रहा है. उनके साथ यहां भाजपा के कई दावेदार दौड़ में शामिल हैं. इनमें डॉ सुनीता देवदूत सोरेन, लखन मार्डी शामिल हैं. समय के साथ और कई नाम सामने आ सकते हैं.
–कांग्रेस के प्रदीप बलमुचु घूम रहे क्षेत्र में
वहीं, कांग्रेस नेता सह पूर्व सांसद व विधायक रहे प्रदीप बलमुचु भी लगातार घाटशिला के दौरे पर हैं. हालांकि, कांग्रेस-झामुमो गठबंधन का हिस्सा है. पिछले विस चुनाव में प्रदीप बलमुचु खुलकर रामदास सोरेन के साथ थे. उनके समर्थन में प्रचार किया था. इस बार क्या करेंगे कहना मुश्किल है.–
जेएलकेएम के रामदास मुर्मू कर रहे फील्डिंग
जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के रामदास मुर्मू भी फिल्डिंग करने लगे हैं. पिछले चुनाव में उन्हें आठ हजार के आस पास मत मिले थे. बहरहाल चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद और कई समीकरण बनेंगे और कई बिगड़ेंगे.पूरी ताकत से उतरेंगे चंपाई सोरेन
घाटशिला में उप चुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन एक बार पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेंगे. उन्हें मालूम है कि उनका मुकाबला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ घाटशिला के चुनाव मैदान में एक बार फिर से होना है. विधानसभा चुनाव के बाद चंपाई सोरेन लगातार झारखंड के विभिन्न जिलों का दौरा कर हेमंत सोरेन सरकार की नीतियों को जमकर विरोध कर रहे हैं. घाटशिला विधानसभा उप चुनाव के परिणाम से भले ही हेमंत सोरेन की सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन झामुमो-भाजपा दोनों के लिए एक बार फिर प्रतिष्ठा की लड़ाई का मैदान घाटशिला बनता हुआ दिख रहा है. पूर्व मुख्यमंंत्री चंपाई सोरेन के करीबियों का कहना है कि पिछली बार उनके नेता सभी सीटों पर प्रचार के अलावा खुद अपनी सीट सरायकेला से भी लड़ रहे थे, इसलिए वे अपना फोकस घाटशिला पर नहीं रख पाये, लेकिन इस बार स्थिति साफ है कि वे जानते हैं कि हेमंत सोरेन इस सीट को जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, ऐसी स्थिति में वे खुद घाटशिला में अपने बेटे के लिए कैंप करेंगे.
महाल के परगना बाबा को भाजपा टिकट दे, तो उपचुनाव में जीत संभव : परमेश्वर
भारत जकात माझी परगना महाल की जिला स्तरीय बैठक बुधवार को चाकुलिया डाक-बंगला में हुई. इसकी अध्यक्षता तरफ परगना बाबा परमेश्वर मार्डी ने की. बैठक में घाटशिला विधानसभा उपचुनाव पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी. सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में भारत जकात माझी परगना महाल भाजपा से टिकट की मांग करेगा. परमेश्वर मार्डी ने कहा कि यदि भाजपा भारत जकात माझी परगना महाल के परगना बाबा को टिकट देती है, तो भाजपा आसानी से घाटशिला विधानसभा उप चुनाव जीतने में सफल होगी. मौके पर दिशोम परानिक बाबा चंद्र मोहन मांडी, सुनील हेंब्रम, सनातन मांडी, मदन मोहन हेंब्रम, कालीचरण मांडी, सुखलाल मुर्मू, कान्हूराम हांसदा, राजेश मंडी, चुनकाई मुर्मू, करण मुर्मू, छोटराय मांडी, बाजून मांडी आदि उपस्थित थे.
घाटशिला में 34 साल बाद होगा उपचुनाव
घाटशिला विधानसभा सीट पर 34 साल बाद 2025 में उपचुनाव होगा. पहली बार वर्ष 1991 में तत्कालीन आजसू नेता सूर्य सिंह बेसरा के इस्तीफे के बाद उपचुनाव हुआ था. अब विधायक रामदास सोरेन के निधन के बाद उप चुनाव होगा. दरअसल, मार्च 1990 के विधानसभा चुनाव में आजसू के टिकट पर सूर्य सिंह बेसरा घाटशिला से जीते थे. सूर्य सिंह बेसरा ने अलग झारखंड राज्य की मांग पर 12 अगस्त, 1991 को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. सूर्य सिंह बेसरा महज 1 साल 5 माह तक विधायक रहे थे. सूर्य सिंह बेसरा ने प्रभात खबर को बताया कि तब झारखंड अलग राज्य का आंदोलन जोर पकड़ रहा था. मैंने विधान सभा में अलग राज्य की मांग उठायी. नहीं सुने जाने पर अपने विधायक पद से 12 अगस्त 1991 को इस्तीफा दे दिया, इसलिए मुझे आधी पेंशन प्रति माह 70 हजार मिलती है. वर्तमान में विधायकों की पेंशन डेढ़ लाख रुपये है.
1991 के उप चुनाव में जीते थे सीपीआइ के टीकाराम मांझी
वर्ष 1991 में सूर्य सिंह बेसरा के इस्तीफा के छह माह के अंदर घाटशिला में उपचुनाव में हुआ था. इसमें सीपीआइ के टीकाराम मांझी चुनाव जीते थे. इस उपचुनाव में सूर्य सिंह बेसरा खड़े नहीं हुए थे. सूर्य सिंह बेसरा ने बताया कि उन्होंने टीकाराम मांझी को समर्थन दिया और उन्हें जीताने का काम किया था.दूसरी बार उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू :
अब 2025 में विधायक सह कैबिनेट मंत्री रामदास सोरेन का निधन से सीट खाली हो गयी है. वे महज नौ माह तक विधायक रहे. अब उपचुनाव की विभागीय प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जानकारी हो कि 13 नवंबर 2024 को विधान सभा चुनाव हुआ था. 23 नवंबर 2024 को परिणाम आया था. झामुमो उम्मीदवार रहे रामदास सोरेन भाजपा के बाबूलाल सोरेन को 22446 मतों से हराकर विधायक बने थे. उन्हें स्कूली शिक्षा मंत्री बनाना गया था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

