चाकुलिया : चाकुलिया की माटियाबांधी पंचायत स्थित नक्सल प्रभावित घाघरा गांव में 125 परिवार भीषण जल संकट की त्रासदी झेल रहा हैं. गांव में पेयजल का कोई स्रोत नहीं है. चापाकल खराब हैं. कुएं सूख गये हैं. पहाड़ी झरने भी लगभग सूख गये हैं. ग्रामीण पानी के लिए पहाड़ों पर भटक रहे हैं. जल संकट के कारण बुधवार को स्कूल प्रबंध समिति और शिक्षकों ने बैठक कर उत्क्रमित मध्य विद्यालय में मिड डे मील बंद करने का निर्णय लिया. अब 117 बच्चे मिड डे मील से वंचित होंगे.
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घाघरा में जल संकट: स्कूल में मिड डे मील बंद
चाकुलिया : चाकुलिया की माटियाबांधी पंचायत स्थित नक्सल प्रभावित घाघरा गांव में 125 परिवार भीषण जल संकट की त्रासदी झेल रहा हैं. गांव में पेयजल का कोई स्रोत नहीं है. चापाकल खराब हैं. कुएं सूख गये हैं. पहाड़ी झरने भी लगभग सूख गये हैं. ग्रामीण पानी के लिए पहाड़ों पर भटक रहे हैं. जल संकट […]
स्कूल की रसोइया फुलमनी सिंह और उषा रानी मुंडा ने बताया कि स्कूल में जल का कोई स्रोत नहीं है. एक किमी दूर स्थित झरना से पानी लाकर मिड डे मील बनता था. अब झरना का पानी भी सूख गया है. झरना से ग्लास से पानी निकाल कर बाल्टी को भरना पड़ता है. इस झरना से पानी लेने के लिए भोर से लाइन लग जाती है. ऐसे में मिड डे मिल बनाना संभव नहीं है.
पत्तल में मिड डे मील खाते हैं विद्यार्थी: स्कूल के 117 विद्यार्थी अपने घर से बोतल में पानी लेकर आते हैं. पानी के अभाव में स्कूल के विद्यार्थी मिड डे मील खाने के लिए थाली की बजाय साल पत्तों के पत्तल का प्रयोग करते हैं. ताकि थाली धोने की नौबत नहीं आये. जंगल से बच्चे साल पत्ता तोड़ कर लाते हैं और पत्तल बनाते हैं.
गांव में पेयजल का स्रोत नहीं, झरने भी सूखे
स्कूल की दोनों रसोइया ने दूर से पानी लाकर मिड डे मील बनाने में असमर्थता जतायी. स्कूल में पेयजल का कोई स्रोत नहीं है. स्कूल प्रबंध समिति और ग्रामीणों ने बैठक कर मिड डे मील बंद करने का निर्णय लिया. स्कूल में 117 बच्चे पठन-पाठन करने आते हैं. स्कूल में पानी की समस्या है.
– विमल कुमार महतो, प्रधानाध्यापक .
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