घाटशिला : मुसाबनी में वर्ष 2014 में नासुस सदस्य डुमरिया के कलियाम निवासी रघुनाथ किस्कू की गोली मारकर हत्या मामले में गुरुवार को घाटशिला के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश राम बचन सिंह की अदालत ने आरोपी नक्सली जियान स्कूल टोला निवासी कान्हू मुंडा उर्फ कान्हू राम मुंडा उर्फ अर्जुन, जमुआ निवासी फोगड़ा मुंडा, मोहन मुर्मू उर्फ जारा मुर्मू, सुंदर मुर्मू उर्फ सुंदर सोरेन और गोइंदी मांडी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता मोइदुल हक और श्रीपदो महतो थे. एपीपी संजय सिन्हा थे.
इस संबंध में मृतक की पत्नी पार्वती किस्कू के बयान पर मुसाबनी थाना में 19 अक्तूबर 2014, भादवि की धारा 147, 148, 149, 302, 27 आर्म्स एक्ट और 17 (1) और (11) सीएलए एक्ट के तहत सुपाई टुडू, फोगड़ा मुंडा, कान्हू मुंडा, झुरू मुर्मू, दुखु मुर्मू, गोइंदी मांडी, गनशा मुर्मू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी. प्राथमिकी के मुताबिक वर्ष 2003 से रघुनाथ मुर्मू नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले संगठन नागरिक सुरक्षा समिति से जुड़े थे.
इसके कारण कई वर्षों से नक्सली संगठन के सुपाई टुडू, फोगड़ा मुंडा, कान्हू मुंडा, झुरू मुर्मू उसके पति की हत्या के लिए खोज रहे थे. इसके कारण परिवार के सदस्य 2005 से न्यू कॉलोनी मुसाबनी में आकर रहने लगे. 17 अक्तूबर 2014 की दोपहर बाइक से पति अपने नजदीकी दोस्त जामशोल निवासी चेतन सोरेन के साथ डुमरिया जाने की बात कर घर से निकले. सुबह 5 बजे पता चला कि पति का शव बाकड़ा पुल पड़ा है.