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बच्चे रेल लाइन पार कर नहीं जा सकते महुलिया आदर्श मवि

अभिभावकों ने कहा बच्चों की जान की कीमत पर हमलोगों को शिक्षा मंजूर नहीं होगा ज्ञापन सौंप कर ग्रामीणों ने लगायी उर्दू प्रावि बंद नहीं करने की गुहार गालूडीह : गालूडीह के एक मात्र उर्दू प्राथमिक विद्यालय को बंद कर महुलिया आदर्श मवि में विलय की विभागीय प्रस्ताव का ग्रामीणों और अभिभावकों ने विरोध किया […]

अभिभावकों ने कहा बच्चों की जान की कीमत पर हमलोगों को शिक्षा मंजूर नहीं होगा

ज्ञापन सौंप कर ग्रामीणों ने लगायी उर्दू प्रावि बंद नहीं करने की गुहार
गालूडीह : गालूडीह के एक मात्र उर्दू प्राथमिक विद्यालय को बंद कर महुलिया आदर्श मवि में विलय की विभागीय प्रस्ताव का ग्रामीणों और अभिभावकों ने विरोध किया है. ग्रामीणों ने बैठक कर जिला शिक्षा अधीक्षक के नाम बीइइओ वैद्यनाथ प्रधान को एक मांग पत्र सौंप कर उर्दू प्रावि गालूडीह को बंद नहीं करने की गुहार लगायी है. मांग पत्र की प्रतिलिपि उपायुक्त और आयुक्त को भी भेजी गयी है.
बैठक में मजहर हुसैन, वार्ड मेंबर मिनोती मुर्मू, मो वशरूद्दीन, मो इशराइल, मो वाहिद, तरन्नुम बेगम, सुल्ताना परवीन, अजहर हुसैन, परवेज आलम, मो नासीर, सरस्वती टुडू, दुली हांसदा, भानु हांसदा, दास मुर्मू, रमेश गोप, नीलाचंल सिंह, मासांग मुर्मू आदि ने कहा कि गालूडीह में एक मात्र उर्दू माध्यम के प्रावि है. जहां करीब 30-35 बच्चे पांचवीं तक की पढ़ाई करते हैं. यहां उर्दू माध्यम की दो शिक्षिकाएं हैं. यहां पढ़ने वाले अधिकांश बच्चों के अभिभावक मजदूर तबके के हैं,
जो सुबह रोजगार के लिए निकल जाते हैं. अगर इस स्कूल को बंद कर दूसरे जगह विलय किया गया, तो कोई बच्चा पढ़ नहीं पायेगा. ग्रामीणों ने कहा कि महुलिया आदर्श मवि में उर्दू प्रावि का विलय करने का प्रस्ताव है. आदर्श मवि रेलवे लाइन पार कर जाना पड़ेगा. बच्चों की जान की कीमत में हमलोगों को शिक्षा मंजूर नहीं होगी. छोटे-छोटे बच्चे रेलवे लाइन पार कर आदर्श मवि या फिर महुलिया-कालीमाटी के किसी भी स्कूल में नहीं जा सकते. धाधकीडीह उमवि भी यहां से डेड़ किमी दूर है. वहां भी बच्चे नहीं जा सकते.

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