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चांद पर घर बसाने से पहले धरती की चिंता करें

चाकुलिया. तीन दिवसीय विश्व पर्यावरण दिवस समारोह के समापन में शामिल हुईं राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, कहा पर्यावरण प्रदूषण के कारण हो रहीं नयी-नयी बीमारियां सिर्फ डोभा बनाने से काम नहीं चलेगा, पेड़ लगायें और बचायें वन भूमि में बसने वालों को मिलना चाहिए वन पट्टा जमुना टुडू का नाम पद्मश्री के लिए अनुमोदित करेंगी राज्यपाल […]

चाकुलिया. तीन दिवसीय विश्व पर्यावरण दिवस समारोह के समापन में शामिल हुईं राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, कहा

पर्यावरण प्रदूषण के कारण हो रहीं नयी-नयी बीमारियां
सिर्फ डोभा बनाने से काम नहीं चलेगा, पेड़ लगायें और बचायें
वन भूमि में बसने वालों को मिलना चाहिए वन पट्टा
जमुना टुडू का नाम पद्मश्री के लिए अनुमोदित करेंगी राज्यपाल
चाकुलिया : आधुनिक युग में चांद पर घर बसाने की बात सोचने वाला इंसान यह भी सोचे कि धरती और प्रकृति कैसे बचेगी. रोटी, कपड़ा और मकान जंगल से मिलते हैं, इसलिए जंगल की रक्षा करें. जिंदगी जीने के लिए पेड़ जरूरी है, इसलिए पौधा रोपें और उसकी रक्षा करें.’ यह संदेश प्रदेश की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को चाकुलिया में दिया.
वह केएनजे हाइ स्कूल के महावीर व्यायामशाला में आयोजित तीन दिवसीय पर्यावरण दिवस समारोह के समापन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं. वन सुरक्षा एवं वन प्रबंधन महासमिति की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने यह भी कहा कि वह महासमिति की अध्यक्ष जमुना टुडू का नाम पद्मश्री के लिए अनुमोदित करेंगी.
अपने संबोधन में राज्यपाल ने आगे कहा, ‘जिन तत्वों से धरती बनी, उनमें अब सामंजस्य नहीं है. तेजी से आबादी बढ़ने का प्रतिकूल असर हवा और जंगल पर पड़ा. पर्यावरण असंतुलित हो गया.’ झारखंड की स्थिति पर विशेष चिंता जताते हुए राज्यपाल ने कहा कि इसके नाम से ही झाड़ और जंगल का बोध होता है लेकिन अब ऐसी बात नहीं है.
उन्होंने सावधान करते हुए कहा, ‘खाली जगहों को पौधों से भरें, सिर्फ डोभा बनाने से काम नहीं चलेगा. पेड़-पौधों की रक्षा करें. अपनी आने वाली पीढ़ी के बारे में सोचें.’राज्यपाल ने पेड़ों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें सबसे बड़ा सेवक बताया. उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण से फैलती बीमारियों पर चिंता जताते हुए कहा, ‘पहले कुछ गिनी चुनी बीमारी होती थी. मगर आज विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारियां हो रही हैं. अस्पतालों में मरीजों की लाइन लग रही है. अगर पेड़ खत्म हुए तो मानव जाति भी खत्म हो जायेगी.’
सरकार का माल दरिया में डाल- ऐसा न सोचें :समारोह में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने जनता से सरकारी संपत्ति के प्रति जवाबदेह बनने की अपील भी की. उन्होंने कहा, ‘सरकार पौधरोपण करवाती है तो आप रोपित पौधों की रक्षा करें. सरकार का माल दरिया में डाल- ऐसा नहीं सोचें.’उन्होंने लोगों को प्रकृति से प्रेम का संदेश भी दिया.
उन्होंने कहा,‘शेर भी प्यार की भाषा समझता है. धरती से, प्रकृति से, पेड़-पौधों से, जंगली जीव-जंतुओं से प्यार करना चाहिए.’ इसके साथ ही राज्यपाल ने वनों की रक्षा करने में अहम भूमिका निभा रहे लोगों की प्रशसा भी की और वन भूमि में बसे लोगों को वन पट्टा दिये जाने का समर्थन किया. राज्यपाल ने कहा, ‘जंगल की रक्षा जमुना टुडू जैसी महिलाओं के नेतृत्व में वन सुरक्षा समितियां कर रही हैं. हम तो वातानुकूलित कमरे में सिर्फ प्लान बनाते हैं. प्रशासन के लोग वन सुरक्षा समितियों को सहयोग करें. वन भूमि पर बसने वालों को वन पट्टा मिले.’
जंगल रक्षा में वससु की भूमिका अहम: बेहरा : समारोह में समाजसेवी एसके बेहरा ने कहा कि जमुना टुडू जैसी महिलाओं के नेतृत्व में वन सुरक्षा समितियों ने जंगलों की रक्षा में अहम भूमिका निभायी है, ऐसी महिलाएं बधाई की पात्र हैं. उन्होंने कहा कि देश में 2.7 प्रतिशत जंगल बढ़ा है और इसे और भी बेहतर करने की जरूरत है.
समारोह का संचालन प्रो जिंदल पासवान ने किया. धन्यवाद ज्ञापन बीस सूत्री के अध्यक्ष शंभू नाथ मल्लिक ने किया. इसके पूर्व राज्यपाल ने दीप प्रज्जवलित कर समारोह का उदघाटन किया. समारोह में राज्यपाल के प्रधान सचिव एसके सतपती, उपायुक्त अमित कुमार, एसएसपी अनुप टी मैथ्यू, एडीसी सुबोध कुमार, गोशाला के अध्यक्ष पुरूषोत्तम दास झुनझुनवाला, जिप सदस्य जगन्नाथ महतो समेत सैकड़ों पुरूष और महिलाएं उपस्थित थे.
राज्यपाल ने पौधरोपण कर पर्यावरण रक्षा का संदेश दिया
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने पौधरोपण कर पर्यावरण रक्षा का संदेश दिया. राज्यपाल ने तेजपत्ता, पीपल आदि के पौधे रोपे और उनमें पानी दिया. इसके पूर्व हेलीकॉप्टर से उतरी राज्यपाल का स्वागत उपायुक्त अमित कुमार, एसएसपी अनुप टी मैथ्यू, समिति की अध्यक्ष जमुना टुडू आदि ने गुलदस्ता देकर स्वागत किया. पुलिस जवानों ने राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
जिंदगी के लिए पेड़ जरूरी, पेड़ खत्म तो मानव जाति खत्म
जमुना टुडू पद्मश्री अवार्ड की हकदार : राज्यपाल
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को स्वागत महासमिति की अध्यक्ष जमुना टुडू ने परंपरागत साड़ी और गुलदस्ता देकर किया. समिति की चाइना महतो, देवी रानी बास्के, लतिका महतो, सोमवारी हांसदा आदि ने अन्य अतिथियों का स्वागत किया. राज्यपाल ने कहा कि जमुना टुडू जैसी एक साधारण महिला ने पर्यावरण रक्षा के लिए वनों की रक्षा का आंदोलन चला कर एक मिसाल कायम की है. जमुना टुडू ने 150 से अधिक वन सुरक्षा समितियों को गठन करना एक अनोखा कार्य है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करने के मामले में जमुना टुडू जैसी ग्रामीण महिला पद्मश्री अवार्ड की हकदार है.
परिवार बढ़े या न बढ़े, पेड़ बढ़ना चाहिए: लक्ष्मण टुडू
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ठ अतिथि घाटशिला के विधायक लक्ष्मण टुडू ने कहा कि पेड़ सांसों की जरूरत हैं और पर्यवरण दिवस के अवसर पर सभी पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘पर्यावरण की रक्षा में झारखंड देश में अग्रणी भूमिका निभाये. परिवार बढ़े या नहीं बढ़े, मगर पेड़ जरूर बढ़े. सालगिरह और जन्मदिन के मौके पर पौधा रोपें और रक्षा का संकल्प लें.’ जंगली हाथियों के उत्पात के पीछे भी उन्होंने जंगलों के विनाश को जिम्मेदार ठहराया और कहा, ‘हमें जंगलों की रक्षा का संकल्प लेना है.’

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