बासुकिनाथ. जरमुंडी प्रखंड के कुशमाहा बाराटांड़ मैदान में विश्व कल्याणार्थ व समाज में सुख-शांति व समृद्धि के लिए आयोजित महायज्ञ का समापन हो गया. यज्ञ के हवन कुंड में आहुतियां देकर यज्ञ का पूर्णहुति हुई. इसमें यजमानों ने पूर्णाहुति और महाआरती के साथ विश्व शांति और समृद्धि की कामना की. गाजे-बाजे के साथ कलश विसर्जन शोभायात्रा निकाली गयी. संत त्यागी जी महाराज ने कहा कि धार्मिक आयोजनों के माध्यम से समाज में संस्कार, एकता और आध्यात्मिक चेतना को बढ़ावा मिलता है. सनातन धर्म में हवन यज्ञ का विशेष महत्व है. यह केवल धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहन आध्यात्मिक और वैज्ञानिक तर्क भी छिपा है. उन्होंने मानव जीवन क्षणभंगुर होने के चलते जो भी समय मिला है, उसमें मन व कर्म से पवित्र रहने की सीख दी. बताया कि मनुष्य सही दिशा में तभी बढ़ सकता है, जब वह अपने मन को शांत कर धर्म के प्रति सोच रखे, जिससे विश्व का कल्याण हो. उन्होंने बताया कि महायज्ञ में दो लाख 34 हजार महामंत्र के उच्चारण के साथ आहुति दी गयी. समापन के बाद ब्राह्मण भोज और भंडारे का भी आयोजन किया गया. बनारस से पहुंचे यज्ञाचार्य संत त्यागी जी महाराज, हरेंद्र शास्त्री जी महाराज, पीयूष द्विवेदी, अरविंद पांडेय ने हवन कुंड में आहुति दिलायी. मौके पर यज्ञ के सफल संचालन में पंचायत के मुखिया दामोदर गृही, बरुण कुमार मिश्रा, संजीत यादव, उदित कुमार मिश्रा, कृपाशंकर मिश्रा, कांग्रेस राय, जगदीश मंडल, महाराजी राउत समेत दर्जनों सदस्य लगे हैं.
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