आह्वान. इंडोर स्टेडियम में प्रमंडलस्तरीय किसानों का कार्यशाला शुरू, बोले आइटीडीए निदेशक
संवाददाता, दुमकासहायक उद्योग निदेशक (रेशम) कार्यालय के तत्वावधान में दुमका के इंडोर स्टेडियम में प्रमंडलस्तरीय किसान कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित रेशम कृषकों में से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सम्मानित व प्रोत्साहित किया गया. दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए आइटीडीए निदेशक रवि जैन द्वारा बताया गया कि वन-धन योजना आइटीडीए से संचालित होती है, उससे किसानों को जोड़ कर धागाकरण एवं अन्य वैल्यू एडिशन का कार्य कराया जा सकता है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी. उन्होंने बताया कि फार्म टू फैब्रिक तक हर स्तर वैल्यू एडिशन कर किसानों की आमदनी बढ़ायी जा सकती है, जो उनके लिए अतिरिक्त आमदनी का जरिया भी बन सकता है. उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग समन्वय स्थापित कर कार्य करें ताकि आउटपुट अच्छा मिले. कार्यशाला को अग्र परियोजना पदाधिकारी रवि शंकर शर्मा ने भी संबोधित किया. मौके पर एसके मोहन, रमाकांत चतुर्वेदी आदि मौजूद थे.
मिट्टी की गुणवत्ता व अर्जुन के पौधे पर हुई विशेष परिचर्चा
सेंट्रल सिल्क बोर्ड के वैज्ञानिक एसएन मजूमदार ने कोकून के अनुरक्षण तथा अच्छी गुणवत्ता के रोग मुक्त चकत्ते पर जानकारी दी. मिट्टी की गुणवत्ता व अर्जुन के पौधे पर विशेष परिचर्चा की गयी. जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक दास कुमार एक्का द्वारा बताया गया कि कोकून को न बेच कर इसे धागा उत्पादन कर बेचने का कार्य किया जाये. जाकि किसानों को ज्यादा आमदनी मिल सके. जिला कृषि पदाधिकारी सत्यप्रकाश ने कहा कि अर्जुन के पौधे का रोपण कर तसर उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है. जेएसएलपीएस के डीपीएम निशांत एक्का ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में रेशम कोए का उत्पादन को और बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है, साथ ही तसर कोए से धागा बनाने का भी कार्य जल्द किया जायेगा.
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