प्रतिनिधि, बासुकिनाथ सर्पों की देवी, विषहरी मां मनसा का वार्षिक उत्सव जरमुंडी के नीचे बाजार स्थित श्री नागेश्वरी मंदिर में धूमधाम से संपन्न हुआ. विष-दंश से मुक्ति और समृद्धि की कामना के साथ भक्तों ने मां मनसा की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की. मंदिर के सेवायतों बासुदेव और पंकज आचार्य के अनुसार, एक सप्ताह से नियम और निष्ठा के साथ पूजा की गई. वार्षिक पूजा के लिए राउत बांध से परंपरा अनुसार वारि कलश भरकर मंदिर लाया गया. सुहागिन महिलाओं ने कलश की आरती उतारकर जलधारा देते हुए मंदिर की पूजा वेदी में स्थापित किया. इसके बाद गणेशादि देवताओं और वरुण कलश की पूजा के साथ चक्षुदानपूर्वक भगवती नागेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा और षोडशोपचार पूजा संपन्न हुई. श्रद्धालुओं ने विभिन्न भोग चढ़ाए और बलि प्रदान की. आसपास के गांवों के भक्त भी पूजा में शामिल हुए. माना जाता है कि सच्चे मन से मां मनसा की भक्ति करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
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