दुमका. अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडे की अध्यक्षता में गुरुवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया. कार्यक्रम में देशभर से बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए. राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडे ने कहा कि टीईटी अनिवार्यता जल्द ही समाप्त होगी. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) समाप्त कर नयी पेंशन नीति लागू की गयी, जिसका शिक्षक संघ ने शुरू से ही विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यूपीएस को भी शिक्षकों ने स्वीकार नहीं किया है और अब शिक्षक संघ हर हाल में पुरानी पेंशन योजना बहाल करवाकर रहेगा. अध्यक्ष ने मंच से कहा कि वर्ष 1944 में शिक्षकों का वेतन मात्र तीन रुपये था. विभिन्न आंदोलनों के कारण शिक्षकों को पंचम, षष्ठम और सप्तम वेतनमान मिला है. उन्होंने कहा कि आठवां वेतनमान भी मिलेगा, लेकिन इसके लिए एकजुट होकर आंदोलन करना होगा, क्योंकि समिति का गठन होने के बाद भी बैठक अब तक नहीं हुई है. धरना को संबोधित करते हुए श्याम किशोर सिंह गांधी ने कहा कि सांसद और विधायक अपने वेतन वृद्धि के लिए तुरंत एकजुट हो जाते हैं, लेकिन शिक्षकों के वेतन, हित और नियमितीकरण पर पहली बार संसद में पक्ष और विपक्ष दोनों दलों के सांसदों ने टीईटी अनिवार्यता का मुद्दा उठाया है, जिसके लिए वे आभार व्यक्त करते हैं. बिहार राज्य शिक्षक संघ के सचिव मनोज कुमार ने कहा कि हर हाल में टीईटी अनिवार्यता को समाप्त किया जाएगा और आने वाले दिनों में राष्ट्रीय अध्यक्ष के दिशा-निर्देश पर अगला बड़ा आंदोलन भी दिल्ली में ही आयोजित किया जाएगा. कार्यक्रम में झारखंड से दर्जनों शिक्षक शामिल हुए, जिनमें रसिक बास्की, उज्ज्वल कुमार तिवारी सहित कई शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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