दुमका. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ दुमका नगर द्वारा संघ के शताब्दी वर्ष समारोह के उपलक्ष्य में विजयादशमी उत्सव शहर के इनडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया. इसके अंतर्गत संघ के स्वयंसेवकों द्वारा पूर्ण गणवेश में दुमका नगर का पथ संचलन किया. इस दौरान जगह-जगह स्वयंसेवकों का पुष्पवर्षा कर अभिनंदन किया गया. सिदो कान्हू इंडोर स्टेडियम पहुंचने पर शस्त्र पूजन का कार्यक्रम हुआ. अपने बौद्धिक में मुख्य अतिथि कामख्या नारायण सिंह ने संघ के विचारों का अपने परिवार पर हुए प्रभाव की विस्तार से चर्चा की. विभाग कार्यवाह देवघर अरुण ने संघ के सौ वर्षों के इतिहास पर प्रकाश डाला. कहा कि वर्ष 1925 की विजया दशमी में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संघ के स्वयंसेवकों का एकमात्र लक्ष्य भारत माता का परम वैभव है. उन्होंने कहा कि अपनी 100 वर्षों की यात्रा में नागपुर के छोटे-छोटे बच्चों से प्रारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है. चाहे उनकी उपासना पद्धति कुछ भी हो. उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष में संघ का लक्ष्य हर पंचायत को संघ कार्य युक्त करना है. कहा कि संघ के अनुषंगी संगठनों द्वारा देशभर में सेवा के हजारों प्रकल्प चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि संघ को जानने के लिए संघ से जुड़ना आवश्यक है. इसके पूर्व स्वयंसेवकों द्वारा भगवा ध्वज को प्रणाम किया गया एवं मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर भारत माता की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया गया. संचलन टोली एवं आयोजन में जिला संघ चालक गणेश, नगर संघ चालक मनोज सिंघानिया, जिला प्रचारक सनातन, आशीष, जयंत, कुंदन, विमल मरांडी, राजू, उमेश, नरेंद्र, अवधेश, रमेश, तपन आदि उपस्थित थे.
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