गुड फ्राइडे. सभी गिरजाघरों में आयोजित हुई विशेष प्रार्थना, पहुंचे मसीही समाज के लोग
प्रतिनिधि, दुमकादुमका में गुड फ्राइडे पर विभिन्न गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. दुधानी कैथोलिक चर्च, सीएनआई खुटाबांध, जीईएल चर्च, बंदरजोड़ी मिशन, कुसुमडीह चर्च, निराला कोठी, कोरैया मिशन, एजी चर्च श्रीआमडा व डंगालपाड़ा गिरजाघर में श्रद्धालुओं ने यीशु मसीह के बलिदान को याद किया. गुड फ्राइडे के शहरी और ग्रामीण अंचल के विभिन्न गिरजाघरों में गुड फ्राइडे को लेकर विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. दुधानी कैथोलिक चर्च में विशप जुलियस मरांडी ने श्रद्धालुओं से कहा गुड फ्राइडे एक ऐसा दिन है, जब यीशु मसीह ने धरती पर बढ़ रहे पाप के लिए बलिदान देकर निस्वार्थ प्रेम की पराकाष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत किया. इस दिन यीशु मसीह ने उत्पीड़न और यातनाएं सहते हुए मानवता के लिए अपने प्राण त्याग दिए. सीएनआई गिरजाघर के रेवरेंड मनीष धीरज मंडल ने बताया ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार जिस दिन यीशु मसीह ने प्राण त्यागे थे, उस दिन शुक्रवार था. इसी की याद में गुड फ्राइडे मनाया जाता है. लेकिन अपनी मौत के तीन दिन बाद यीशु मसीह पुन: जीवित हो उठे थे और उस दिन रविवार था. इस दिन को ईस्टर संडे कहते हैं. गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं. एजी चर्च के पास्टर उर्मिला हेंब्रम ने बताया कि ईसाई समाज में गुड फ्राइडे का खास स्थान है. इस दिन ईसा ने सलीब पर अपने प्राण त्यागे थे, निर्दोष होने के बावजूद जब उन्हें सलीब पर लटका कर मारने का दंड दिया गया तो उन्होंने सजा देने वालों को उलाहना नहीं दी, वरन प्रार्थना करते हुए यह कहा कि हे ईश्वर इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं. गुड फ्राइडे ईसाई धर्म के लोगों के लिए एक दुख भरा दिन है, यह दिन प्रभु यीशु मसीह के प्रेम और बलिदान को याद करने का दिन है. प्रभु यीशु मसीह ने मानवता का संदेश फैलाया, निरंकुश शासकों को इससे खतरा महसूस हुआ, उन्होंने ईसा मसीह पर देशद्रोही का आरोप लगाया और उन्हें सूली पर चढ़ा दिया. शारीरिक और मानसिक यातनाओं कारण उनकी मृत्यु हो गयी, जिस दिन प्रभु ईशा मसीह की मृत्यु हुई, वह शुक्रवार था इसलिए इस शुक्रवार को गुड फ्राइडे कहा जाता है.
संसार के लोगों की सुख-शांति की लिए की गयी प्रार्थना
इधर, आरसी चर्च शिकारीपाड़ा में गुड फ्राइडे के अवसर पर पल्ली पुरोहित जोस आलेमकल व सहायक पल्ली पुरोहित विमल मरांडी ने विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की. इसमें क्रूस रास्ता की प्रार्थना की गयी. इसके बाद यीशु मसीह के दुख भोग का पाठ किया गया. इस क्रम में क्रूस की भक्ति और संसार भर के लोगों की सुख शांति के लिए प्रार्थना की गयी. हाबिल मुर्मू सिलवेस्टर सोरेन, जोतिन किस्कू, बेटका हांसदा, हाबिल सोरेन, जीयनधन सोरेन, वेरोनिका मुरमू, पोलिना सोरेन, अर्तिमस हांसदा सहित मसीही समुदाय के लोगों ने भाग लिया. प्रखंड के अंबाजोड़ा, मोहुलपहाड़ी, तेलबुला, गुजीसिमल, इंदरबनी, वालीजोर, सिरुवाडीह , सिमानीजोर बेनागड़िया, सीधाचातर आदि जगहों पर स्थित चर्च में गुड फ्राइडे की विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. इसमें मसीही समाज के सैकड़ों लोग शामिल थे. रानीश्वर में भी गुड फ्राइडे को लेकर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. गिरजाघरों में इसाई धर्मावलंबियों ने नजदीकी गिरजाघरों में पहुंच कर प्रार्थना सभा में शामिल हुए. इसाई धर्मावलंबियों ने यीशु मसीह के बलिदान को याद किया. आसनबनी, मुरगुनी, रघुनाथपुर, तालडंगाल आदि के अलावा अन्य गिरजाघरों में भी विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है