दुमका नगर. चैती नवरात्र के अंतिम दिन रविवार को मां दुर्गा की 9वें स्वरूप मां सिद्धिदातृ की पूजा की गयी. मां दुर्गा के मोक्ष और सिद्धि देने वाले स्वरूप को सिद्धिदातृ कहा जाता है. मान्यता है कि माता की पूजा करने से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं. घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती. दुर्गास्थान, धर्मस्थान और पगला बाबा दुर्गा मंदिर सहित कई मंदिरों में सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा. विशेष चहल पहल रही. धर्मस्थान मंदिर व पगला बाबा मंदिर में हवन का आयोजन किया गया. धर्मस्थान में हवन पंडित नेपाल जी महाराज के द्वारा कराया गया. पगला बाबा मंदिर में तारापीठ के पुरोहित अमित चक्रवर्ती द्वारा कराया गया. धर्मस्थान मंदिर सहित अन्य मंदिरों व घरों में कुंवारी पूजन किया गया. कुंवारी पूजन के दौरान कुंवारी कन्याओं काे भोजन भी कराया गया. पगला बाबा मंदिर में किया गया शस्त्र पूजन दुमका नगर. वीर कुंवर सिंह चौक स्थित पगला बाबा दुर्गा मंदिर में रामनवमी पर हवन एवं शस्त्र पूजन किया गया. इस अवसर पर तारापीठ के पुरोहित अमित चक्रवर्ती ने मंदिर परिसर में रखे शस्त्रों को मंत्रोच्चारण के साथ शस्त्र पूजन किया. मान्यता के अनुसार राम और रावण के बीच युद्ध लंबा चला था. समस्त देवी-देवताओं ने अपने विशेष अस्त्र और शस्त्र भगवान राम को रावण के वध के लिए दिए और जब रावण का वध हो गया. तब भगवान श्रीराम ने इन शस्त्रों का पूजन कर वापस उन देवताओं को लौटाया था. इन शस्त्रों में देवी-देवताओं ऋषि-मुनियों की ओर से दिये गये शस्त्र शामिल थे. तभी से दशहरे पर शस्त्र पूजन की परंपरा चली आ रही है. शस्त्र पूजा में ठाकुर श्याम सुंदर सिंह, उमाशंकर चौबे, भाष्कर अजित सिंह, पंकज मिश्रा, मिथलेश सिंह, राजीव रंजन आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है