रामगढ़. इन दिनों रामगढ़ प्रखंड में मनरेगा संचालित योजनाओं में जमकर अनियमितता हो रही है. अधिकारी कार्य का पर्यवेक्षण नहीं करते, जिसका लाभ बिचौलिया उठा रहे हैं. बच्चों को काम करते देखा जा रहा है. विशेष कर मनरेगा के तहत क्रियान्वित मिट्टी-मोरम वाली सड़क तथा सिंचाई तालाब योजनाओं में बच्चे काम करते नजर आ रहे हैं. उन्हें मजदूरी मिलती हो या न हो, अभिभावक के बदले उनसे काम कराये जा रहे हों, यह भी संभव है, पर इन योजनाओं में कार्य करते हुए आठ से चौदह वर्ष की आयु वर्ग के बच्चे खुलेआम देखे जा रहे हैं. वर्तमान में जो यह मामला सामने आया है, वह रामगढ़ प्रखंड के बौड़िया का है. मनरेगा के तहत निर्मित कराए जा रहे सिंचाई तालाब में छोटे-छोटे बच्चे खुलेआम खुदाई का कार्य कर रहे हैं. ये बच्चे न केवल मिट्टी की खुदाई कर रहें हैं, बल्कि मिट्टी की टोकरी को माथे पर उठाकर किनारे पर बनाए जा रहे तालाब की मेड़ पर मिट्टी फेंक भी रहे हैं. बाल मजदूरी को रोकने के लिये सरकार तथा अधिकारियों के द्वारा किये जा रहे प्रयासों के दावों के बावजूद बाल मजदूरी बेरोकटोक जारी है. संबंधित सरकारी कर्मी तथा अधिकारी इन योजनाओं में हो रही बाल मजदूरी को रोकने के बजाय इसके सारा दोष बाल मजदूरों के माता-पिता को दे देते हैं. उनके अनुसार मजदूर अपनी मर्जी से अपने छोटे-छोटे बच्चों से इन योजनाओं में कार्य कराते हैं.बाल मजदूरी के प्रति सरकारी अधिकारियों के ऐसे उदासीन रवैये से बाल मजदूरी कराने बिचौलियों के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बीडीओ अभय कुमार ने कहा कि बाल मजदूरी दंडनीय अपराध है.इसे किसी स्थिति मैं स्वीकार नहीं किया जा सकता.बाल मजदूरी से संबंधित शिकायतों की कड़ाई से जांच कराई जाएगी तथा दोषियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.आम लोगों से भी आग्रह है कि कहीं भी बाल मजदूरी की जानकारी मिले तो प्रशासन को तत्काल इसकी सूचना दें.
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मनरेगा की योजनाओं में काम करते दिख रहे बच्चे
विशेष कर मनरेगा के तहत क्रियान्वित मिट्टी-मोरम वाली सड़क तथा सिंचाई तालाब योजनाओं में बच्चे काम करते नजर आ
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