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कोलारकोंदा-दिगुली जलापूर्ति योजना जल्द हो शुरू

प्रभात खबर संवाद में जयताड़ा के ग्रामीणों ने सुनायी परेशानी, कहा

रानीश्वर. बिलकांदी पंचायत के जयताड़ा गांव में सोमवार को प्रभात खबर संवाद का आयोजन किया गया. इस दौरान ग्रामीणों ने पेयजल की समस्या को प्रमुखता से उठाया. उन्होंने बताया कि सरकार की ””””हर घर नल जल योजना”””” के तहत मसानजोर डैम के कोलारकोंदा के पास इंटेक वेल और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बना कर जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पेयजल व स्वच्छता विभाग ने लगभग 18 करोड़ रुपये की लागत से कोलारकोंदा-दिगुली ग्रामीण जलापूर्ति योजना शुरू की थी. योजना के तहत प्रखंड के कोलारकोंदा पंचायत और रानीश्वर प्रखंड के बांसकुली, बिलकांदी और गोबिंदपुर पंचायत के दर्जनों गांवों में घर-घर नल से जल पहुंचाने के लिए पाइपलाइन बिछाई गयी थी. शुरुआत में जलापूर्ति दिगुली गांव तक हुई थी, लेकिन धीरे-धीरे इसका दायरा सिमट कर जयताड़ा-शिलाजुड़ी तक रह गया. वर्तमान में ढाई महीने से जलापूर्ति पूरी तरह ठप है. इससे जयताड़ा और आसपास के गांवों में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है. ग्रामीण झरने से बालू हटाकर पानी पीने को मजबूर हैं. बरसात के मौसम में झरने का पानी गंदा हो जाता है, जिससे पीना मुश्किल हो जाता है. अधिकांश चापानल और कुएं के पानी में आयरन की मात्रा अधिक है, जिससे पानी पीने योग्य नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि जलापूर्ति योजना से जुड़े कर्मचारियों का वेतन लंबित होने के कारण वे काम नहीं कर रहे हैं. महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है, उन्हें नदी से पानी लाना पड़ता है. स्थानीय विधायक से शिकायत करने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ. क्या कहते हैं ग्रामीण गांव में पेयजलापूर्ति बंद हो जाने से महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है, उन्हें फटीक नदी से पानी लाना पड़ता है. सरकार को इस पर पहल करनी चाहिए. मोतालीब खान सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर योजना बनाती है. पर उसका रखरखाव नहीं करती. इसका खामियाजा हम भुगत रहे हैं. विभाग को जल्द पहल कर जलापूर्ति योजना चालू कराये. रिंकू खान बरसात में अशुद्ध पानी पीने से बीमार होने का खतरा है. जलापूर्ति प्लांट को चालू कराने के लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए. ताकि ग्रामीणों की परेशानी दूर हो सके. नसीब खान योजना का संचालन सही तरीके से किया जाता तो रानीश्वर प्रखंड के तीनों पंचायत के दर्जनों गांवों में शुद्ध पानी पहुंच सकता था. इसके लिए विभाग जल्द पहल करे. रहमान खान कोलारकोंदा जलापूर्ति प्लांट से अंतिम छोर तक पाइपलाइन की निगरानी विभाग की जिम्मेदारी है. समय-समय पर मोनीटरिंग होती तो यह समस्या नहीं होती. प्रदीप मंडल सरकार सिर्फ योजना बनाकर नहीं छोड़े, उसका मेंटेनेंस भी जरूरी है. अधिकारियों को ग्रामीणों के साथ बैठक करनी चाहिए. ताकि मरम्मत करा कर चालू हो सके. सपन दास जब से पाइपलाइन से जलापूर्ति ठप है. परेशानी बढ़ गयी है. चापानल के पानी में आयरन अधिक है. घर में रखने पर उसका रंग लाल हो जाता है. जल्द पहल होनी चाहिए. किराजुल खान

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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