प्रतिनिधि, शिकारीपाड़ा अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के सौजन्य से संपूर्ण भारत के भ्रमण पर निकला ज्योति कलश यात्रा निकला गुरुवार को शिकारीपाड़ा पहुंचा. साथ ही भारत सेवा आश्रम बरमसिया, कुशपहाड़ी, मोहनपुर आदि जगहों का भ्रमण किया गया. अखिल विश्व गायत्री परिवार व गुरुदेव द्वारा प्रज्वलित अखंड दीपक के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष पर ज्योति कलश रथ यात्रा शांतिकुंज हरिद्वार से क्षेत्रीय भ्रमण के लिए निकला है. गुरुदेव की अखंड ज्योति के प्रकाश को जन-जन तक पहुंचाकर मानव में देवत्व जगाना तथा समर्थ समृद्ध, संस्कारी व धरती पर स्वर्ग के समान समाज की स्थापना करना है. ज्योति कलश यात्रा गुरुदेव के विचार, साहित्य व युग निर्माण के संदेश को घर घर तक पहुंचाती है. समाज में सकारात्मक आध्यात्मिक जागरण और नैतिक उत्थान के प्रयास करती है. दीप रथ यात्रा में शामिल गायत्री परिवार के सदस्यों ने सार्वजनिक दुर्गा मंदिर शिकारीपाड़ा परिसर में रुक कर ग्रामीणों को यात्रा की उद्देश्य की जानकारी दी. कहा कि दीप यात्रा आत्मबोध का माध्यम है. स्वयं को जानना मानव जीवन का परम लक्ष्य है. मानव जीवन सभी जीवों में श्रेष्ठ है. मानव जीवन देवताओं को भी दुर्लभ माना जाता है. मानव अपने कर्म से सभी कुछ प्राप्त कर सकते हैं. जीव के लिए यह संभव नहीं है. ज्योति कलश यात्रा में राजकुमार, शिव कुमार, जियालाल राय, आशुतोष सेन, द्वारिका प्रसाद दे, भगवान साह, संजय कुमार साह, अरुण प्रसाद साह, देवनारायण भगत, रामजी वर्मा, संध्या कुमारी, बेबी देवी, विमल भगत, विजय भगत आदि उपस्थित थे.
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