दुमका. जिले के सभी पंचायतों के मुखिया के लिए आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर किया. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य मनरेगा के तहत बेहतर और व्यावहारिक योजना निर्माण सुनिश्चित करना है, ताकि योजनाओं के माध्यम से जल संचयन को प्रभावी रूप से बढ़ावा दिया जा सके. उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण योजना निर्माण से पंचायतों में स्थायी परिसंपत्तियों का सृजन होगा और ग्रामीणों को इसका दीर्घकालीन लाभ मिलेगा. उपायुक्त ने शिक्षा के क्षेत्र में पंचायत स्तर पर मुखिया की सक्रिय भूमिका पर विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति और मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता की सतत निगरानी मुखिया की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा और पोषण मिल सके. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पंचायतों में संचालित सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए. योजनाओं का चयन पारदर्शी तरीके से एवं स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाए, ताकि किसी तरह की शिकायत की स्थिति उत्पन्न न हो. इसके अलावा उपायुक्त ने मुखिया को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका और सहायिका नियमित रूप से उपस्थित रहें. साथ ही स्वास्थ्य एवं आपूर्ति विभाग की योजनाओं की भी अपने-अपने पंचायत क्षेत्रों में जिम्मेदारी के साथ निगरानी करें, ताकि योजनाओं का लाभ समय पर वास्तविक लाभुकों तक पहुंच सके. कार्यशाला के माध्यम से मुखिया को उनके दायित्वों, योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग एवं विभिन्न विभागों के साथ समन्वय की भूमिका से अवगत कराया गया. इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले पांच मुखिया को उपायुक्त द्वारा मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
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