प्रतिनिधि, दुमका जरमुंडी प्रखंड के पेटसार व नोनीगांव में परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत ऑर्गेनिक फार्मिंग अथॉरिटी ऑफ झारखंड के बैनर तले इको गारंटी, रांची द्वारा किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया. जैविक खेती के लिए किसानों को प्राचीन कृषि पद्धतियों को अपनाने, जैविक उर्वरकों का इस्तेमाल करने और रसायनों का इस्तेमाल कम करने की सलाह दी गयी. मुख्य प्रशिक्षक ने बताया कि किसान भाई जैविक खेती करने से जहां कम बजट में बगैर रासायनिक खाद का उपयोग करते खेती किया जा सकता है. जैविक खेती टिकाऊ तथा उत्पादन अधिक होने के साथ-साथ छोटे किसानों के लिए बहुत लाभकारी है. कार्यक्रम में किसानों को नीम अर्क, जीवामृत, मटका खाद, केंचुआ खाद सहित कई प्राकृतिक कीटनाशक एवं अन्य दवा बनाने की विधि को विस्तार पूर्वक बताया गया. जैविक खेती से होने वाले फायदे को भी बताया गया. मौके पर क्षेत्रीय पदाधिकारी प्रमोद कुमार, किशन कुमार चौधरी, पंचायत समिति बीना देवी, वार्ड सदस्य फंटूश, नरेश यादव, परिमल पंजियारा, रामप्रसाद चौधरी, ताराबंद मांझी, अजय मांझी, अनाड़ी चौधरी, नरेश मांझी, ललिता देवी, मीना देवी, रामू देवी सहित कुल 200 से अधिक किसान मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है