रोष. डॉक्टर व नर्स पर महिला को ऑक्सीजन देने में लापरवाही बरतने का लगाया आरोप
परिजनों ने शव को स्ट्रेचर में रखकर मुख्य गेट को किया जाम, आम मरीजों को हुई परेशानीपुलिस व डीएस के समझाने के बाद शांत हुए परिजन, दिया कार्रवाई का आश्वासन
संवाददाता, दुमकाफूलो झानो मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर भर्ती करायी गयी. बुजुर्ग महिला मरीज की मौत के बाद उनके परिजनों ने ऑक्सीजन लगाने में विलंब करने और इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटा. 60 वर्ष से महिला पोनिया देवी की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर व नर्स पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. और ड्यूटी पर तैनात कर्मी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की. घटना से नाराज परिजनों ने शव को पीजेएमसीएच के मुख्य गेट पर रखकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. संबंधित कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की. घटना की खबर मिलने पर नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. नाराज परिजनों को समझाने का प्रयास किया, पर परिजन पुलिस की एक नहीं सुनी. बाद में उपाधीक्षक डॉक्टर लखन सोरेन मौके पर पहुंचे. मृतक का परिजनों को समझा कर हंगामे को शांत कराया. डाॅक्टर ने आश्वासन दिया है कि जांच के बाद ड्यूटी पर तैनात संबंधित स्वास्थ्यकर्मी के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. आश्वासन के बाद सभी लोग शांत हुए. परिजनों ने बताया कि जामा थाना क्षेत्र के नावाडीह गांव की रहनेवाली पोनिया देवी अपनी बहन के घर श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में गोपीकांदर बाजार गयी थी. बुधवार रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गयी. स्थानीय स्तर पर इलाज की व्यवस्था न देख उन्हें दुमका लाकर वहां लगभग तीन-चार बजे फूलो झानो मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के लिए ले जाया गया. मरीज के परिजनों का कहना है कि पोनिया देवी को सांस लेने में परेशानी हो रही थी. सभी लोगों ने ड्यूटी पर कार्यरत डॉक्टर और नर्स को बेहतर इलाज करने की गुहार लगाई, पर उन्होंने इसमें लापरवाही बरती. मरीज को तत्काल ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, पर ऑक्सीजन नहीं दिया गया,जिस कारण उनकी स्थिति बिगड़ गयी. तकरीबन नौ बजे मौत हो गयी.
शव को स्ट्रेचर में रखकर मुख्य गेट को कर दिया गया था जाम
मरीज की मौत के बाद परिजन आक्रोशित हो गये. शव को स्ट्रेचर पर रखकर मेन गेट पर लाकर बीचों-बीच रख दिया और आवागमन को बाधित कर दिया. परिजन संबंधित चिकित्सक और कर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. उनका कहना था कि यह मेडिकल कॉलेज अस्पताल है, जहां इलाज के सारे उपकरण-मशीनें हैं, पर कर्मियों की लापरवाही से मरीज की जान चली गयी. इधर, अस्पताल का गेट जाम होने से अन्य मरीज और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा. मेडिकल कॉलेज के ट्रेनी डाॅक्टर के अलावा तमाम स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरे रास्ते से अस्पताल में जाना पड़ा.
कोट
महिला को नाजुक स्थिति में ही अस्पताल में लाया गया था. महिला का पीजेएमसीएच में ऑक्सीजन चढ़ाया गया था. ऑक्सीजन अस्पताल के हर बेड में उपलब्ध है. महिला क्रिटिकल स्टेज में थी. मात्र तीन घंटे में ही उसकी मौत हो गयी.डाॅ एके चौधरी, सुपरिटेंडेंट, पीजेएमसीएच
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