संवाददाता, दुमकारानीश्वर पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद 72 घंटे के बाद 22 मार्च को विजयपुर में शव का अंतिम संस्कार कर दिया था. शव को 18 मार्च को कारीकादर जंगल से बरामद किया गया था. मंगलवार की देर शाम शव की शिनाख्त परिजनों ने की. इसके बाद दफनाये गये शव को बाहर निकालकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया. दरअसल इस अज्ञात शव की शिनाख्त के लिए दुमका पुलिस ने भागलपुर सहित आसपास के जिलों में मृतक की तस्वीर भेजी थी. दुमका पुलिस से प्राप्त तस्वीर को देखने के बाद जगदीशपुर थाना की पुलिस को यकीन हो गया था कि दुमका के रानीश्वर में मिला शव बीरबल का ही है. वहां की पुलिस ने उसके शव की तस्वीर को घरवालों को दिखायी तो शव की पहचान हो गयी. इसके बाद पुलिस ने स्कार्पियो चालक को दबोचा तो उसने सारा सच उगल दिया. मंगलवार की देर शाम ही जगदीशपुर थाना के प्रभारी अभय शंकर दुमका पहुंचे और रानीश्वर पुलिस को सारी बात बतायी. रात को पुलिस ने नगर परिषद के सफाई कर्मी को विजयपुर ले जाकर उस स्थान को देखा, जहां शव दफनाया गया था.
दंडाधिकारी की मौजूदगी में निकाला गया शव :
रानीश्वर व जगदीशपुर थाना की पुलिस ने बुधवार को प्रथम न्यायिक दंडाधिकारी नेहा झा की अदालत में आवेदन देकर शव को कब्जे में लेकर परिजन को सौंपने का आवेदन दिया. ऐसे में अपराह्न तीन बजे अदालत ने इसकी अनुमति दी और कहा कि रानीश्वर बीडीओ सह दंडाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा की मौजूदगी में शव निकाला जाए. सूचना मिलते ही रानीश्वर बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा दुमका पहुंचे और उनकी मौजूदगी में शव को कब्र से निकाला गया और पूरी प्रक्रिया के तहत शव को साथ आये परिजन व जगदीशपुर पुलिस लेती गयी.क्या कहते हैं जिले के एसपी :
जब 18 मार्च को शव मिला था, तब यह लावारिश था. उसी की प्रक्रिया के तहत शव को दफनाया गया था. शव की पहचान जगदीशपुर के रहनेवाले पूर्व जिला परिषद सदस्य बीरबल मंडल के रूप में हुई है. न्यायालय से अनुमति लेकर शव को निकाला गया है और परिजनों को सौंप दिया गया है, ताकि वे विधिवत अंतिम संस्कार कर सकें. बीरबल जिसके साथ तारापीठ आये थे, उनपर संदेह हो रहा है. भागलपुर पुलिस अनुसंधान कर रही है.– पीतांबर सिंह खेरवार, एसपी, दुमका.B
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